रायपुर. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ सरकार जनजाति समाज के सर्वांगीण विकास के लिए संकल्पित है. उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जनजाति समाज के समग्र विकास के लिए अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है. साय आज बालोद जिले के गुण्डरदेही विकासखंड के ग्राम भाठागांव (बी) में आयोजित जनजाति गौरव दिवस एवं कंवर समाज के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के शौर्य और पराक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी अस्मिता, संस्कृति एवं मातृभूमि की रक्षा के लिए अंग्रेजी हुकूमत से लड़ाई लड़ी और 25 वर्ष की अल्पायु ने ही शहीद हो गए थे. मुख्यमंत्री साय ने ग्राम भाठागांव बी में कंवर समाज द्वारा संचालित हायर सेकंडरी स्कूल का शासकीयकरण करने तथा शाला भवन के जीर्णाेद्धार हेतु 25 लाख रुपए, गुण्डरदेही विकासखंड के ग्राम रेंगाकठेरा में आदिवासी पैंकरा कंवर समाज के सामाजिक भवन निर्माण हेतु 50 लाख रुपए एवं गुण्डरदेही के वार्ड नंबर 10 में राम मंदिर के राम सत्ता स्थल के निर्माण हेतु 10 लाख रुपए की राशि प्रदान करने की घोषणा की. कार्यक्रम की अध्यक्षता कंवर समाज के प्रदेश अध्यक्ष हरबंश मिरी ने की.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भगवान बिरसा मुंडा एवं संत गहिरा गुरु को नमन करते हुए कहा कि स्वाधीनता संग्राम के साथ साथ राष्ट्र व समाज के नवनिर्माण में जनजाति समाज की विभूतियों का महत्वपूर्ण योगदान है. मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा पूरे देश एवं दुनिया के साथ साथ भावी पीढ़ी को जनजाति समाज एवं जनजाति नायकों के गौरव गाथा का बोध कराने के लिए भगवान बिरसा मुंडा के जन्म दिवस 15 नवम्बर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई है. इससे जनजातीय समाज का गौरव बढ़ा है.
मुख्यमंत्री साय ने ग्राम भाठागांव (बी) के शहीद ठामन सिंह ठाकुर एवं जमींदार स्व दाऊ गिरधारी सिंह का गांव में शिक्षा के प्रसार के लिए उनके योगदान की सराहना की और कार्यक्रम में पहुंचने से पूर्व उनकी समाधि पर गए और पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया. इस अवसर पर साय ने कार्यक्रम स्थल में विभिन्न विभागों द्वारा लगाए स्टालों का अवलोकन कर सराहना की. कार्यक्रम में सांसद भोजराज नाग, विधायक कुंवर सिंह निषाद, जिला पंचायत अध्यक्ष सोनादेवी देशलहरा सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में कंवर समाज के लोग उपस्थित थे.