छत्रपति संभाजीनगर/नांदेड़/पुणे. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में मुकाबला संभाजी महाराज को मानने वाले देश भक्तों और औरंगजेब का गुणगान करने वालों के बीच है. यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ”महाराष्ट्र का यह चुनाव केवल नई सरकार चुनने का ही चुनाव नहीं है. इस चुनाव में एक ओर संभाजी महाराज को मानने वाले देशभक्त हैं और दूसरी ओर औरंगजेब का गुणगान करने वाले लोग हैं. कुछ लोग संभाजी महाराज के हत्यारे में अपना मसीहा देखते हैं.” संभाजी महाराज मराठा साम्राज्य की नींव रखने वाले मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज के सबसे बड़े पुत्र थे और महज 32 साल की उम्र में मुगल बादशाह औरंगजेब ने उनकी हत्या करवा दी थी.
मोदी ने कहा कि पूरा महाराष्ट्र जानता है कि छत्रपति संभाजीनगर को यह नाम देने की मांग शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे ने उठाई थी. उन्होंने कहा, ”महा विकास अघाडी (एमवीए) सरकार ढाई साल सत्ता में रही लेकिन कांग्रेस के दबाव में इन लोगों की हिम्मत नहीं हुई. जबकि महायुति सरकार ने आते ही इस शहर का नाम छत्रपति संभाजीनगर किया. हमने आपकी इच्छा को पूरा किया, हमने बालासाहेब ठाकरे की इच्छा को पूरा किया.” प्रधानमंत्री ने दावा किया कि औरंगाबाद को छत्रपति संभाजीनगर बनाने पर सबसे ज्यादा तकलीफ कांग्रेस और एमवीए को हुई.
उन्होंने कहा, ”इनके पाले-पोसे हुए लोग इस फैसले को पलटने के लिए अदालत तक चले गए थे.” प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस, सरकार बनाने के लिए विकास पर नहीं बल्कि बंटवारे पर भरोसा करती है. साथ ही उन्होंने दावा किया कि वह दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को आगे बढ.ने से रोकती है ताकि सत्ता पर पीढ.ी-दर-पीढ.ी उसका कब्जा बना रहे.
उन्होंने कहा, ”इसलिए कांग्रेस शुरू से ही आरक्षण के खिलाफ रही है. इन दिनों इंटरनेट पर पुराने अखबारों की तस्वीरें वायरल हो रही हैं. आरक्षण को लेकर कांग्रेस की असली सोच क्या है, वह उन विज्ञापनों में साफ दिख रहा है. कांग्रेस, आरक्षण को देश के खिलाफ और मेरिट के खिलाफ बताती थी.” मोदी ने कहा कि कांग्रेस की मानसिकता और कांग्रेस का एजेंडा अभी भी वही है, इसलिए पिछले 10 वर्षों से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समाज का प्रधानमंत्री इन्हें बर्दाश्त ही नहीं हो रहा है.
उन्होंने कहा, ”कांग्रेस के ‘शहजादे’ विदेश में जाकर खुलेआम बयान देते हैं कि वह आरक्षण को खत्म कर देंगे. अब अपने एजेंडे को आगे बढ.ाने के लिए कांग्रेस और अघाडी वाले एससी, एसटी और ओबीसी समाज को छोटी छोटी जातियों में बांटने का षड्यंत्र रच रहे हैं.” प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सोच रही है कि ओबीसी जातियों में बंटेगा तो उसकी ताकत कम हो जाएगी और जब समाज की ताकत कम हो जाएगी तो उसे बैठे-बैठे ही फायदा मिल जाएगा.
उन्होंने कहा, ”यहीं से कांग्रेस सत्ता में वापसी की तलाश कर रही है. अगर कांग्रेस को सरकार में आने का मौका मिला तो वह एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण रोक देगी. प्रधानमंत्री ने लोगों से ‘इन साजिशों’ से बचने और एकजुट रहने का आ”ान करते हुए एक बार फिर ‘एक हैं तो सेफ हैं’ का नारा बुलंद किया. पिछली लगभग सभी चुनावी जनसभाओं में प्रधानमंत्री मोदी ने इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया है और ‘एक हैं तो सेफ हैं’ का नारा बुलंद किया है. प्रधानमंत्री ने इस रैली में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 का मुद्दा भी उठाया और कहा कि इसकी बहाली की मांग करके कांग्रेस ‘पाकिस्तान की भाषा’ बोल रही है.
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद-370 को कोई वापस नहीं ला सकता क्योंकि उनकी सरकार ने इसे जमीन में दफन कर दिया है. उन्होंने कहा कि देश कभी अनुच्छेद-370 की बहाली की मांग का समर्थन नहीं करेगा. मराठवाड़ा क्षेत्र में पानी के संकट का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि अघाड़ी वालों ने लोगों की परेशानियों को बढ.ाने के अलावा कोई काम नहीं किया है और वह हमेशा हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे.
उन्होंने कहा, ”हमारी सरकार में पहली बार सूखे के खिलाफ ठोस प्रयास शुरू हुए.” उन्होंने कहा, ”ये अघाड़ी वाले सत्ता में आ गए तो आपको बूंद-बूंद पानी के लिए तरसाएंगे. आपसे अनुरोध है कि इन अघाड़ी वालों को घुसने ही मत देना. इसलिए मैं कहता हूं, ‘भाजपा – महायुती आहे, तर गती आहे, महाराष्ट्राची प्रगती आहे’.”
महायुति के विकास एजेंडे और एमवीए की भ्रष्टाचार नीति के बीच युद्ध है: सिंधिया
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मौजूदा महायुति सरकार के विकास और सुशासन के एजेंडे और विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) की विनाश और भ्रष्टाचार की नीति के बीच युद्ध है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेताओं के चुनावी नारों ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ और ‘एक हैं तो सेफ हैं’ पर उन्होंने कहा कि इन नारों का उद्देश्य देश के लोगों को देशभक्ति के माध्यम से प्रगति हासिल करने के लिए एकजुट करना है.
सिंधिया ने बुधवार को नांदेड़ के मालेगांव में भोकर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण की बेटी श्रीजया चव्हाण और नांदेड़ लोकसभा उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार संतूकराव हंबडे के प्रचार के लिये आयोजित एक रैली से इतर ‘पीटीआई-भाषा’ को साक्षात्कार दिया. महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव और नांदेड़ लोकसभा सीट पर उपचुनाव 20 नवंबर को होंगे.
सिंधिया ने कहा, “महाराष्ट्र में यह विधानसभा चुनाव सिर्फ चुनाव नहीं है, बल्कि विनाश और विकास के बीच, भ्रष्टाचार और सुशासन के बीच युद्ध है. महाराष्ट्र की जनता सकारात्मक निर्णय लेगी और मेरा मानना ??है कि राज्य में महायुति सत्ता में आएगी.” भाजपा नेता ने महाराष्ट्र में ‘डबल इंजन’ सरकार की आवश्यकता पर बल दिया.
जब उनसे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा नेताओं के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’,’वोट का धर्मयुद्ध’ और ‘एक हैं तो सेफ हैं’ जैसे नारों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की 140 करोड़ जनता एकजुट हुई है और हम अर्थव्यवस्था के मामले में 11वें स्थान से 5वें स्थान पर पहुंच गए हैं. 2027 में हम जर्मनी और जापान को पीछे छोड़कर तीसरे स्थान पर पहुंच जाएंगे.” उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति और परंपरा आज दुनिया भर में लोकप्रिय है. यह युग प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत का है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ आ”ान पर सिंधिया ने कहा, “मैं आपको बताता हूं कि यह नारा देश के लिए है. देश को एकजुट होकर देशभक्ति के माध्यम से प्रगति करनी चाहिए. हमारा ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास’ नारा भी इसमें है.” यह पूछे जाने पर कि यदि महायुति गठबंधन को बहुमत मिलता है तो क्या भाजपा सरकार का नेतृत्व करेगी, मंत्री ने कहा, “एक कहावत है कि घोड़े के आगे गाड़ी नहीं लगानी चाहिए. यह हमारा इतिहास है कि सभी लोग एक साथ आते हैं और युद्ध का सामना करते हैं. युद्ध 20 नवंबर को लड़ा जाएगा. यह सवाल 23 नवंबर (चुनाव परिणाम) के बाद पूछा जाना चाहिए. हम युद्ध की तैयारी कर रहे हैं.” जब उनसे पूछा गया कि क्या कार्यकर्ता मनोज जरांगे के नेतृत्व में मराठा आरक्षण आंदोलन का विधानसभा चुनाव के नतीजों पर असर पड़ेगा जैसा कि इस साल के लोकसभा चुनावों के दौरान देखा गया था, तो उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में केवल विकास और प्रगति का प्रभाव है.
कांग्रेस अपने चुनावी वादे पूरे नहीं करती : जयराम ठाकुर
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बृहस्पतिवार को कहा कि महाराष्ट्र के लोगों को यह समझना चाहिए कि कांग्रेस हिमाचल में किए गए चुनावी वादों को पूरा करने में विफल रही है. ठाकुर ने यहां संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में महिलाओं को 1500 रुपये प्रति माह देने सहित 10 ‘गारंटियां’ सूचीबद्ध की थीं, लेकिन इनमें से किसी भी गारंटी को पूरा नहीं किया गया. उन्होंने अपनी बात को पुष्ट करने के लिए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के वीडियो क्लिप भी दिखाए.
हिमाचल प्रदेश में दिसंबर 2022 में हुए चुनावों में कांग्रेस ने 68 में से 40 सीटें जीतकर भाजपा को सत्ता से बाहर कर दिया था. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ”कांग्रेस ने महिलाओं को 1500 रुपए प्रतिमाह देने का वादा किया था. दो साल हो गए हैं, लेकिन वादा अभी तक पूरा नहीं हुआ है. उन्होंने मुफ्त बिजली देने का भी वादा किया था, जो अभी तक पूरा नहीं हुआ है. कांग्रेस ने नौकरियों का वादा किया था, लेकिन इसके बजाय राज्य में 1.5 लाख पद रद्द कर दिए. हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति ऐसी है कि सरकारी कर्मचारियों के वेतन और सेवानिवृत्त लोगों की पेंशन के लिए पैसे नहीं हैं. ”