बेंगलुरु. अर्थशास्त्र, इंजीनियरिंग एवं कंप्यूटर विज्ञान, मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान, जीवन विज्ञान, गणितीय विज्ञान और भौतिक विज्ञान विषयों के लिए इन्फोसिस पुरस्कार-2024 की घोषणा कर दी गयी है. इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के छह विजेताओं में दो महिला वैज्ञानिक शामिल हैं.
बेंगलुरु में इन्फोसिस साइंस फाउंडेशन (आईएसएफ) द्वारा बृहस्पतिवार को इन पुरस्कारों की घोषणा की गई. यह पुरस्कार आईएसएफ द्वारा 2009 में शुरू किए गए थे. इस वर्ष पुरस्कार के लिए चुनी गई दो महिलाओं में गणितीय विज्ञान के लिए नीना गुप्ता और भौतिक विज्ञान के लिए वेदिका खेमानी शामिल हैं.
नीना गुप्ता भारतीय सांख्यिकी संस्थान-कोलकाता में सैद्धांतिक सांख्यिकी और गणित इकाई में प्रोफेसर हैं. गुप्ता को ‘जारिस्की कैंसलेशन प्रॉब्लम’ पर उनके काम के लिए सम्मानित किया गया, जो गणित की बीजीय ज्यामिति में एक मौलिक समस्या है. इसे पहली बार 1949 में ऑस्कर जारिस्की द्वारा प्रस्तुत किया गया था. ऑस्कर जारिस्की को आधुनिक बीजीय ज्यामिति के संस्थापकों में से एक माना जाता है.
अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में भौतिकी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. वेदिका खेमानी को सैद्धांतिक और प्रायोगिक गैर-संतुलन क्वांटम पदार्थ में उनके व्यापक और अभूतपूर्व योगदान के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर अरुण चंद्रशेखर को सामाजिक और आर्थिक नेटवर्क के अध्ययन में उनके योगदान के लिए अर्थशास्त्र पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.
इंजीनियरिंग एवं कंप्यूटर विज्ञान पुरस्कार वाशिंगटन विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान एवं इंजीनियरिंग स्कूल के प्रोफेसर श्याम गोल्लाकोटा को दिया जाएगा. मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान क्षेत्र में इन्फोसिस पुरस्कार 2024 एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के इतिहास, क्लासिक्स और पुरातत्व स्कूल के व्याख्याता महमूद कूरिया को दिया जाएगा. जीवन विज्ञान क्षेत्र का इन्फोसिस पुरस्कार पुणे स्थित भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के जीव विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर सिद्धेश कामत को प्रदान किया जाएगा.