अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के बीच बुधवार को व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में बैठक हुई। 5 नवंबर को हुए चुनाव में रिपब्लिकन नेता ट्रम्प को जीत मिली थी।
इसके बाद उन्हें बाइडेन ने मुलाकात के लिए बुलाया था। 2020 के चुनाव में बाइडेन से हारने के बाद ट्रम्प ने चुनाव परिणाम स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। 2020 में व्हाइट हाउस से निकलने के बाद वह बुधवार को पहली बार यहां आए।
बाइडेन ने ओवल ऑफिस में ट्रम्प का स्वागत किया। इसके बाद दोनों नेता फायर प्लेस के पास बैठे और बातें की। बाइडेन ने ट्रंप से कहा कि वह सत्ता का सुचारू और शांतिपूर्ण हस्तांतरण सुनिश्चित करेंगे। इस पर ट्रंप ने जवाब दिया, ‘यह जितना संभव हो उतना सहज होगा।’
बातचीत के दौरान बाइडेन की पत्नी जिल बाइडेन मौजूद थीं। उन्होंने ट्रम्प को उनकी जीत पर बधाई दी। उन्होंने ट्रम्प को पूर्व प्रथम महिला मेलानिया ट्रम्प को संबोधित बधाई पत्र सौंपा।
डोनाल्ड ट्रम्प और जो बाइडेन ने एक-दूसरे पर किए हैं खूब हमले
बता दें कि बाइडेन जुलाई तक ट्रंप के प्रतिद्वंद्वी थे। ट्रम्प के खिलाफ बहस में खराब प्रदर्शन के बाद डेमोक्रेट्स में उनकी मानसिक फिटनेस और दूसरे कार्यकाल के लिए उम्र को लेकर चिंताएं पैदा हो गईं। कई डेमोक्रेटिक नेताओं ने बाइडेन से पद छोड़ने को कहा। इसके बाद बाइडेन पीछे हटे और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया। चुनाव में कमला हैरिस डोनाल्ड ट्रम्प को हरा नहीं पाईं।
बाइडेन ने ट्रम्प को बताया था लोकतंत्र के लिए खतरा
बाइडेन और ट्रम्प दोनों एक दूसरे के कटु आलोचक रहे हैं। बुधवार को दोनों के बीच अच्छे माहौल में सुखद बातचीत हुई। चुनाव प्रचार के दौरान बाइडेन ने ट्रम्प को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया था। वहीं, ट्रम्प ने बाइडेन को अक्षम कहा था। जलवायु परिवर्तन से लेकर रूस और व्यापार तक की नीतियों पर दोनों की संबंधित टीमें अलग-अलग रुख रखती हैं।
बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद सत्ता हस्तांतरण की लंबी और जटिल प्रक्रिया होती है। इस दौरान वर्तमान राष्ट्रपति और नव निर्वाचित राष्ट्रपति के मिलने की परंपरा रही है ताकि सत्ता हस्तांतरण में बाधा नहीं आए। 2020 का चुनाव हारने के बाद ट्रम्प ने इस प्रक्रिया का पालन नहीं किया था। उन्होंने नव निर्वाचित राष्ट्रपति बाइडेन को बैठक के लिए नहीं बुलाया था।