मुंबई में बाबा सिद्दीकी हत्याकांड का आरोपी बहराइच के नानपारा से गिरफ्तार, चार अन्य भी पकड़े गये

लखनऊ/मुंबई. उत्­तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) और मुंबई अपराध शाखा की संयुक्­त टीम ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में कथित मुख्य शूटर और चार अन्य को बहराइच जिले के नानपारा से गिरफ्तार कर लिया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी.

बाबा सिद्दीकी (66) को मुंबई में बांद्रा इलाके के खेर नगर में उनके बेटे एवं विधायक जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर 12 अक्टूबर की रात को तीन लोगों ने गोली मार दी थी. उन्हें लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. उप्र पुलिस के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था व एसटीएफ) अमिताभ यश ने रविवार को पत्रकारों को बताया कि बाबा सिद्दीकी हत्­याकांड में शूटर शिवकुमार को एसटीएफ उत्तर प्रदेश व मुंबई अपराध शाखा की संयुक्त कार्यवाही में आज बहराइच जिले के नानपारा से गिरफ्तार किया गया है.

यश ने बताया कि अभियुक्त शिवकुमार नेपाल भागने की फिराक में था. एडीजी यश ने बताया कि शिवकुमार को शरण देने व नेपाल भागने में मदद करने के आरोप में अनुराग कश्यप, ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी, आकाश श्रीवास्तव व अखिलेंद्र प्रताप सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है. इस बीच, मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि उन्होंने सिद्दीकी की हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश से शूटर और दो अन्य को गिरफ्तार कर लिया है तथा तीनों को मुंबई लाया जा रहा है.

इस घटना के बाद बहराइच की पुलिस अधीक्षक (एसपी) वृंदा शुक्ला ने ‘पीटीआई-भाषा’ को 13 अक्टूबर को बताया था कि बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में जिन आरोपियों के नाम सामने आए हैं, उनमें से दो आरोपी धर्मराज कश्यप (19) व शिवकुमार उर्फ शिवा गौतम (20) बहराइच जिले के कैसरगंज थाना क्षेत्र के गंडारा गांव के रहने वाले हैं.

कैसरगंज के पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) अनिल कुमार सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया था कि शिवकुमार उर्फ शिवा कुछ साल पहले मजदूरी करने महाराष्ट्र गया था और इस साल अप्रैल में उसने अपने पड़ोसी धर्मराज को भी साथ में काम करने के लिए बुला लिया था.
शिवा के पिता बालकृष्ण यहां दिहाड़ी पर राजमिस्त्री का काम करते हैं. शिवा की मां सुमन ने कहा, “मेरा बेटा शिवा ऐसा नहीं था. यहां से तो वह पुणे (महाराष्ट्र) में कबाड़ की एक दुकान पर काम करने गया था. उसका किसी आपराधिक गिरोह से नाता है, ऐसा तो हम सोच भी नहीं सकते. यहां भी उसका कभी किसी से कोई झगड़ा नहीं हुआ था.”

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