मुंबई. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को रद्द किये जाने को लेकर रविवार को भाजपा का मखौल उड़ाया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से यह बताने को कहा कि इस प्रावधान के समाप्त होने के बाद कितने कश्मीरी पंडित अपने गृह राज्य घाटी वापस जा सके? सोलापुर जिले के सांगोला में एक रैली को संबोधित करते हुए ठाकरे ने प्रधानमंत्री पर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के अपने भाषणों में किसानों की समस्याओं के बजाय पहले अनुच्छेद 370 के बारे में बोलने का आरोप लगाया, जिनका केंद्र द्वारा समाधान नहीं किया गया है.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नियमित रूप से दावा करती रही है कि पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त किये जाने से अशांत पूर्ववर्ती राज्य में शांति आई है और दलितों, आदिवासियों और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) को आरक्षण का लाभ भी मिला है. ठाकरे ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की ”याददाश्त खो गई है” क्योंकि वह यह दावा कर रहे हैं कि वह (उद्धव ठाकरे) उन लोगों के साथ बैठे हैं जिन्होंने अनुच्छेद 370 रद्द किये जाने का विरोध किया था.
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख ठाकरे ने कहा, ”वह भूल जाते हैं कि मैं इस फैसले के समर्थन में उनके साथ था. मुझ पर जासूसी करने के बजाय महाराष्ट्र और देश के लोगों को बताएं कि कितने कश्मीरी पंडित कश्मीर घाटी में अपने घरों को लौटे हैं. जब वे (कश्मीरी पंडित) अपने घरों को छोड़कर निकले थे, तब मोदी और शाह को कोई नहीं जानता था और वह बालासाहेब ठाकरे ही थे जिन्होंने उन्हें महाराष्ट्र में आश्रय दिया था.” उन्होंने मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा, ”बालासाहेब तो प्रधानमंत्री भी नहीं थे. उस फैसले को कितने साल हो गए हैं. आप कितने कश्मीरी पंडितों को घाटी में बसाने में सफल रहे हैं?” उन्होंने कहा कि मोदी और शाह अनुच्छेद 370 और राम मंदिर की बात करते हैं, जबकि महाराष्ट्र के लोग रोजगार चाहते हैं. ठाकरे ने सवाल किया कि जब राम मंदिर बन रहा था, तब क्या शिवसेना भाजपा के साथ नहीं थी.
वर्ष 2019 से जून 2022 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे ठाकरे ने कहा, ”अगर कोई सोचता है कि मुख्यमंत्री बनना मेरा सपना है, तो ऐसा नहीं है. मैं अपने महाराष्ट्र का सपना देखता हूं.” शाह और मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जब भाजपा के दो शीर्ष नेता महाराष्ट्र में रैलियों को संबोधित कर रहे थे, तब मणिपुर में दो बच्चों की 31 वर्षीय एक मां पर हमला किया गया और उसे जिंदा जला दिया गया.
उन्होंने शाह पर कटाक्ष करते हुए कहा, ”ठाकरे को खत्म करने के लिए काम करने के बजाय, गृहमंत्री की तरह काम करें और मणिपुर में हिंसा में लिप्त लोगों को खत्म करें. कश्मीर में आतंकी हमले रोकें.” ठाकरे ने कहा कि अगर विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करना देश के सामने आने वाले मुद्दों से निपटने से ज्यादा महत्वपूर्ण है, तो मोदी और शाह को क्रमश: प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारक के रूप में काम करना चाहिए. महाराष्ट्र में 20 नवंबर को चुनाव होंगे, जबकि नतीजे 23 नवंबर को घोषित होंगे.