रायपुर। कलेक्टर कार्यालय राजस्व विभाग में पदस्थ क्लर्क प्रदीप उपाध्याय ने 28 अक्टूबर को फांसी लगाकर आत्महत्या किया था. आत्महत्या करने से पहले मृतक ने एक सुसाइड नोट लिखा, जिसमें उन्होंने विभाग के तीन अधिकारियों तत्कालीन एडीएम गजेंद्र ठाकुर, वीरेंद्र बहादुर सिंह और एडीएम देवेंद्र पटेल पर प्रताड़ना का आरोप लगाया. वहीं अब इस मामले में की जांच संभाग आयुक्त महादेव कावरे को सौंपी गई है.
छग प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ, रायपुर शाखा के अध्यक्ष रामचंद्र तांडी के ज्ञापन पर संज्ञान लेते हुए सामान्य प्रशासन विभाग ने संभाग आयुक्त से मामले की जांच के बाद अनुशंसा के साथ जांच प्रतिवेदन मांगा है. गौरतलब है कि मृतक ने अपने सुसाइड नोट में विभागीय अधिकारियों द्वारा मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किए जाने और उनकी छवि खराब करने के आरोप लगाए थे. सामान्य प्रशासन विभाग ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरी स्थिति की तथ्यात्मक जांच कर रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है.
सुसाइड नोट में लिखी ये बात
प्रदीप उपाध्याय ने अपने सुसाइड नोट में लिखा, ‘मैं प्रदीप उपाध्याय पूरे होश हवास में यह आत्महत्या पत्र लिख रहा हूं. मुझे पूरी उम्मीद है कि जिन अधिकारियों का नाम है. उन्हें भाजपा सरकार या तो कांग्रेस पार्टी जरूर सजा दिलाएगी. मैं पूरी ईमानदारी कर्तव्य निष्ठा से अपना कार्य कर रहा था.’
‘मुझे डायवर्सन शाखा के साथ राजस्व आपदा का काम सौंपा गया था. मुझे परेशान करने के लिए देवेंद्र पटेल तत्कालीन SDO रायपुर आज दिनांक में कलेक्ट्रेट रायपुर में ADM है. गजेंद्र ठाकुर अपर कलेक्टर के साथ मिलकर मुझे नजीर शाखा में अतिरिक्त कार्य सौंपा गया.
मैं अपना काम निष्ठा से कर रहा था, लेकिन अधिकारियों तत्कालीन ADM गजेंद्र ठाकुर, तत्कालीन ADM वीरेंद्र बहादुर और SDO देवेंद्र पटेल ने किसी नेता से मेरी फर्जी शिकायत कराकर मेरा खरोरा ट्रांसफर कर दिया. हर अधिकारी से मेरी बुराई की गई. जिससे कलेक्टर के सामने मेरी छवि खराब की गई.’