भारतीय-अमेरिकी सांसद कृष्णमूर्ति ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की मांग की

वाशिंगटन. भारतीय-अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने अमेरिकी विदेश विभाग से बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए काम करने का आग्रह किया है. बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं की संपत्तियों के साथ ही मंदिरों में तोड़-फोड़ की कई घटनाएं हुई हैं. बांग्लादेश में छात्रों के नेतृत्व वाले आंदोलन के दौरान और उसके बाद ऐसी घटनाएं हो रही हैं. विदेश विभाग ने कृष्णमूर्ति को बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं के अधिकारों की रक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में सोमवार को जानकारी दी.

विदेश मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और वे इस मुद्दे पर बांग्लादेश सरकार के साथ लगभग हर उच्चस्तरीय राजनयिक बैठक में चर्चा करते हैं. इसके अतिरिक्त एक विज्ञप्ति में कहा गया कि विदेश विभाग बांग्लादेश के नागरिक सुरक्षा बल को विशेष रूप से धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा से संबंधित प्रशिक्षण देकर मजबूत करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है.

कृष्णमूर्ति ने कहा, “मैंने विदेश विभाग से बांग्लादेश में उनके प्रयासों से संबंधित अधिक जानकारी और बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार के बारे में आंकड़े उपलब्ध कराने का आग्रह किया है, क्योंकि हम धार्मिक हिंसा, भेदभाव और कट्टरता को खत्म करने के लिए काम कर रहे हैं. मैं इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर ध्यान देने के लिए विदेश विभाग की सराहना करता हूं और आने वाले हफ्तों में फिर से इस पर ध्यान आर्किषत कराऊंगा.”

भारत-अमेरिका संबंधों को दोनों दलों का समर्थन : अमेरिकी सांसद कृष्णमूर्ति
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी के भारतवंशी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा है कि भारत-अमेरिका संबंधों को दोनों दलों का समर्थन प्राप्त है और रिपब्लिकन पार्टी की सरकार के तहत ये संबंध और प्रगाढ. होते रहेंगे. नयी दिल्ली में एक तमिल भाषी परिवार में पैदा हुए कृष्णमूर्ति इलिनोइस से सांसद निर्वाचित हुए हैं. ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल में भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर उनका दृष्टिकोण आशावादी है.

ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस के खिलाफ कड़े मुकाबले में जीत हासिल की. ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति होंगे. कृष्णमूर्ति ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ बुधवार को एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों की संख्या 50 लाख से अधिक है जो दोनों देशों के बीच सेतु का काम करते हैं. उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि ये रिश्ते और प्रगाढ. होंगे. वाणिज्यिक संबंधों से लेकर सुरक्षा संबंधों और लोगों के बीच आपसी संपर्कों तक और अधिक क्षेत्र इसमें शामिल होंगे.” ट्रंप अगले साल जनवरी में राष्ट्रपति का कार्यभार संभालेंगे.

कृष्णमूर्ति ने रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी के बीच सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा, ”हमें रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स के साथ सहयोग की भावना से आगे बढ.ना होगा, जो अमेरिकी लोगों के लिए कुछ करना चाहते हैं.” उन्होंने उन प्रमुख मुद्दों पर प्रकाश डाला, जिन पर नयी सरकार को ध्यान देने की आवश्यकता है. इनमें महंगाई, अमेरिका की सीमाओं को सुरक्षित करना, आव्रजन प्रणाली में सुधार और नागरिकों के अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा शामिल हैं. डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए निराशाजनक परिणामों के बावजूद अपनी खुद की चुनावी जीत के बारे में पूछे जाने पर कृष्णमूर्ति ने परिणाम पर विश्वास व्यक्त किया.
कृष्णमूर्ति ने कहा, ”मुझे बड़ी जीत मिली है. मैंने शानदार जीत इसलिए हासिल की क्योंकि मैंने लोगों के लिए काम करने पर ध्यान केंद्रित किया है.”

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