नयी दिल्ली. उत्तर मध्य रेलवे जोन ने एक टिकट निरीक्षक को पुरस्कृत किया है जिन्होंने रेलवे बोर्ड का वरिष्ठ अधिकारी बताकर एक प्रमुख ट्रेन में कथित तौर पर बेटिकट यात्रा कर रहे एक यात्री के बारे में रेलवे पुलिस को सचेत किया था. दिल्ली-लखनऊ शताब्दी एक्सप्रेस में ट्रेन निरीक्षक के पद पर तैनात दिवाकर तिवारी को हाल ही में एक्जीक्यूटिव क्लास में बेटिकट यात्रा कर रहे एक व्यक्ति का सामना करना पड़ा.
यात्री ने खुद को रेलवे बोर्ड का सहायक सतर्कता अधिकारी बताया और कथित तौर पर पहचान पत्र, आधार कार्ड और यात्रा पास सहित फर्जी दस्तावेज दिखाए. तिवारी को संदेह हुआ और उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया, जिन्होंने रेलवे बोर्ड से पुष्टि कर पता लगाया कि यात्री ट्रेन से मुफ्त में यात्रा करने के लिए नकली दस्तावेज लेकर आया था. उसे नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा बल को सौंप दिया गया.
तिवारी को 5,000 रुपये का नकद पुरस्कार और प्रशंसा पत्र प्रदान किया गया. रेलवे के एक अधिकारी ने बताया, “यात्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया है. तिवारी को इससे पहले भी उनके सराहनीय कार्य के लिए सम्मानित किया जा चुका है, जब वह कानपुर में वाणिज्यिक निरीक्षक और ट्रेन टिकट निरीक्षक के पद पर तैनात थे.”