कन्नूर. केरल की एक अदालत ने कन्नूर जिले में वर्ष 2005 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक नेता की हत्या के मामले में नेशनल डेवलप्मेंट फ्रंट (एनडीएफ) के 39 वर्षीय एक कार्यकर्ता को सोमवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. एनडीएफ बाद में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) बन गया, जिसे अब प्रतिबंधित कर दिया गया है. उसके एक सदस्य एम वी मार्शूक को थालास्सेरी के अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश (प्रथम) फिलिप थॉमस ने सजा सुनाई तथा उस पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया. अदालत ने मामले में 13 अन्य आरोपियों को दो नवंबर को अपर्याप्त साक्ष्य के कारण बरी कर दिया था.
यह मामला 10 मार्च, 2005 को आरएसएस कन्नूर जिले के बौद्धिक प्रमुख अश्विनी कुमार की हत्या से जुड़ा है, जिन पर एक निजी बस से कन्नूर से पेरावूर जाते समय हमला किया गया था. एक जीप में आए आरोपियों ने इरिट्टी के पझायनचेरी मुक्कू में उन्हें रोका और उन पर जानलेवा हमला किया. कुमार ने संघ के एक संगठन हिंदू ऐक्या वेदी के जिला संयोजक के रूप में भी काम किया.