नयी दिल्ली. पिछले पांच साल के दौरान भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता पेट्रोलियम, रत्न, कृषि रसायन और चीनी जैसे क्षेत्रों में तेजी से बढ़ी है. वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है. भारत ने 2018 और 2023 के दौरान इन क्षेत्रों में वैश्विक व्यापार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है. इसके अलावा इले्ट्रिरकल सामान, न्यूमेटिक टायर, नल और वॉल्व, तथा सेमीकंडक्टर उपकरणों में भी हिस्सेदारी बढ़ी है.
मंत्रालय के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि 2023 में पेट्रोलियम निर्यात बढ़कर 84.96 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया. इसके साथ ही वैश्विक व्यापार में भारत की बाजार हिस्सेदारी 2018 के 6.45 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 12.59 प्रतिशत हो गई. इस श्रेणी में भारत पांचवे स्थान से बढ़कर दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक बन गया.
कीमती और अर्ध-कीमती पत्थरों के क्षेत्र में वैश्विक निर्यात में देश की हिस्सेदारी 2018 के 16.27 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 36.53 प्रतिशत हो गई है. इस श्रेणी में देश वैश्विक व्यापार में दूसरे स्थान से शीर्ष पर आ गया. इसी तरह चीनी निर्यात 2018 के 93 करोड़ अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 3.72 अरब डॉलर हो गया. इस क्षेत्र में वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 4.17 प्रतिशत से बढ़कर 12.21 प्रतिशत हो गई.
कीटनाशकों और कवकनाशकों के वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी में भी अच्छी वृद्धि हुई. अंतरराष्ट्रीय कृषि और पर्यावरण मानकों को पूरा करने की भारत की क्षमता और कृषि रसायनों में नवोन्मेषण पर ध्यान देने की वजह से ऐसा संभव हो पाया.
इसके अलावा रबड़ न्यूमेटिक टायर, सेमीकंडक्टर और फोटोसेंसिटिव उपकरणों के वैश्विक व्यापार में भी देश की स्थिति मजबूत हुई है.