साईबाबा की मूर्ति स्थापित करने से नाराज शंकराचार्य ने शिमला के मंदिर के कार्यक्रम का किया बहिष्कार

शिमला. ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बृहस्पतिवार को यहां एक राममंदिर में अपना निर्धारित कार्यक्रम रद्द कर दिया क्योंकि वह वहां साईंबाबा की मूर्ति लगाये जाने से नाराज हो गये. उन्होंने कहा कि हिंदू मंदिरों में साईंबाबा के लिए कोई जगह नहीं है. शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को यहां राममंदिर में गौध्वज फहराने के कार्यक्रम में हिस्सा लेना था लेकिन उन्होंने उसका बहिष्कार किया और वह मंदिर नहीं गए.

सुबह गौध्वज फहराने के कार्यक्रम के लिए जाखू मंदिर गये शंकराचार्य ने संदेश भेजा कि वह राममंदिर नहीं जायेंगे क्योंकि उन्हें पता चला है कि वहां साईंबाबा की मूर्ति रखी गयी है. उन्होंने यहां जारी एक वीडियो संदेश में कहा, ”साईंबाबा के लिए हिंदू मंदिरों में कोई स्थान नहीं है क्योंकि उनके नाम का कहीं कोई उल्लेख नहीं है. पुरोहितों और न्यासियों ने पैसे कमाने के लिए साईं की मूर्ति स्थापित कर दी है.”

उन्होंने कहा, ” जिन लोगों ने हमारे देवताओं के मंदिर में साईं की मूर्ति रखी है, वे कोई भी हों, हम उनके इस कृत्य की निंदा करते हैं.” राम मंदिर के पुजारी जीत राम शर्मा ने कहा कि जब शंकराचार्य को यह बताया गया कि मंदिर में साईं बाबा की मूर्ति स्थापित है तब उन्होंने मंदिर की प्रस्तावित यात्रा रद्द कर दी. शर्मा ने कहा कि साईं बाबा की मूर्ति दरअसल मंदिर के बाहर स्थापित है और वहां कोई पूजा-अर्चना नहीं होती. इस बीच, गौ रक्षक दल के प्रदेश उपाध्यक्ष गौपुत्र रवि ने साईं बाबा की मूर्ति को हटाने की मांग की और कहा कि शंकराचार्य ने लोगों को आश्वासन दिया है कि मूर्ति हटाए जाने के बाद वह मंदिर आएंगे.

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