नयी दिल्ली. दिल्ली की एक अदालत ने कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार के खिलाफ 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े कथित हत्या के एक मामले में बृहस्पतिवार को सुनवाई पूरी कर ली. विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने अभियोजन पक्ष और कुमार के वकीलों को आठ नवंबर तक अपनी दलीलों के समर्थन में दस्तावेज दाखिल करने का निर्देश दिया.
यह मामला सरदार जसवन्त सिंह और उनके बेटे सरदार तरुण दीप सिंह की कथित हत्या से संबंधित है. फिलहाल 1984 के दंगों के एक अन्य मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कुमार तिहाड़ केंद्रीय कारागार में बंद हैं और वह वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालत में पेश हुए. अदालत ने पहले कुमार के खिलाफ ‘प्रथम दृष्टया’ मामला पाते हुए उनके खिलाफ आरोप तय किए थे.
अभियोजन पक्ष के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का बदला लेने के लिए घातक हथियारों से लैस एक विशाल भीड़ ने बड़े पैमाने पर लूटपाट, आगजनी या सिखों की संपत्ति को नष्ट करने में शामिल थी. अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि भीड़ ने शिकायतकर्ता (जसवन्त की पत्नी) के घर पर हमला किया, उनके पति और बेटे की हत्या कर दी, सामान लूट लिया और उनके घर में आग लगा दी. कुमार पर मुकदमा चलाते हुए अदालत के आदेश में ‘प्रथम दृष्टया यह राय बनाने के लिए पर्याप्त सामग्री पाई गई कि वह न केवल एक प्रतिभागी था, बल्कि भीड़ का नेतृत्व भी कर रहा था.”