CRPF स्कूल विस्फोट: दिल्ली पुलिस ने ‘टेलीग्राम’ को पत्र लिखा, CCTV फुटेज में संदिग्ध दिखा

नयी दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक स्कूल के निकट हुए विस्फोट मामले में संभावित खालिस्तानी संबंध की जांच कर रही दिल्ली पुलिस ने सोमवार को विस्फोट की जिम्मेदारी लेने वाले संगठन की विस्तृत जानकारी हासिल करने के लिए ‘मैसेजिंग ऐप’ ‘टेलीग्राम’ को पत्र लिखा है. पुलिस सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी.

रोहिणी के प्रशांत विहार इलाके में रविवार सुबह सीआरपीएफ स्कूल की दीवार में जोरदार धमाका हुआ. धमाके में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन घटना में एक ‘साइनबोर्ड’, आस-पास की दुकानों के होर्डिंग और घटनास्थल के पास खड़ी गाड़ियों की खिड़कियों के शीशे क्षतिग्रस्त हो गए. घटना को लेकर दर्ज प्राथमिकी की एक प्रति ‘पीटीआई-भाषा’ को मिली है. प्राथमिकी में पुलिस ने घटनास्थल पर ”बिखरे हुए पाए गए सफेद पाउडर” का जिक्र किया है और कहा है कि धमाका ”अज्ञात विस्फोटक पदार्थ” के कारण हुआ था. इस बीच पुलिस सूत्रों ने यह भी कहा कि उन्होंने घटना से पहले वाली रात का सीसीटीवी फुटेज प्राप्त किया है, जिसमें एक संदिग्ध नजर आ रहा है.

सोशल मीडिया पर एक कथित टेलीग्राम पोस्ट प्रसारित हुआ, जिसमें दावा किया गया कि यह विस्फोट भारतीय एजेंटों द्वारा कथित तौर पर खालिस्तान समर्थक अलगाववादियों को ”निशाना” बनाए जाने के जवाब में किया गया था. सोशल मीडिया पर रविवार रात को प्रसारित इस पोस्ट से विस्फोट के पीछे खालिस्तान समर्थक अलगाववादियों का हाथ होने की संभावना का पता चलता है.

पुलिस के एक सूत्र ने कहा, ”पुलिस ने ‘टेलीग्राम’ को पत्र लिखकर ”जस्टिस लीग इंडिया” समूह को बनाने वाले की विस्तृत जानकारी मांगी है, जिसके पोस्ट में ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारे के ‘वाटरमार्क’ के साथ विस्फोट के सीसीटीवी फुटेज का वीडियो साझा किया गया है.”

”जस्टिस लीग इंडिया” द्वारा टेलीग्राम पर साझा किए गए पोस्ट में लिखा है, ”अगर भारत की कायर एजेंसी और उनके आका सोचते हैं कि वे हमारी आवाज को दबाने के लिए तथा हमारे सदस्यों को निशाना बनाने के लिए गुंडों को किराए पर ले सकते हैं, तो वे मूर्खों की दुनिया में रहते हैं. वे कल्पना नहीं कर सकते कि हम उनके कितने करीब हैं और हम किसी भी समय हमला करने में कितने सक्षम हैं. खालिस्तान जिंदाबाद.” सीआरपीएफ की टीम ने सोमवार सुबह घटनास्थल का दौरा किया.

सूत्रों ने कहा कि पुलिस को एक सीसीटीवी फुटेज मिला है जिसमें विस्फोट से एक रात पहले सफेद टीशर्ट पहने एक संदिग्ध व्यक्ति मौके पर दिखाई दे रहा है. उन्होंने बताया कि संदेह है कि प्लास्टिक की थैली में लपेटकर रखे गए एक इंम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) को सीआरपीएफ स्कूल की दीवार के निकट एक फुट गहरे गड्ढे में छिपाकर रखा गया था. दिल्ली पुलिस का विशेष प्रकोष्ठ, अपराध शाखा और स्थानीय पुलिस की टीम मामले में जांच कर रही हैं.

प्रशांत विहार थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 326 (जी) (सार्वजनिक सुरक्षा को गंभीर खतरा पहुंचाने वाला कृत्य), सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम और विस्फोटक अधिनियम के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है. प्राथमिकी में कहा गया है कि लांसर रोड स्थित सीआरपीएफ पब्लिक स्कूल की बाहरी दीवार के पास ”धमाके की तेज आवाज सुनी गई और सफेद रंग का धुएं का गुबार उठता दिखा”. प्राथमिकी में कहा गया है कि विस्फोट के कारण दीवार में बड़ा छेद हो गया.

प्राथमिकी के अनुसार, सीआरपीएफ स्कूल के सामने स्थित दुकानों की खिड़कियों के शीशे और ‘साइनबोर्ड’ क्षतिग्रस्त हो गए.
प्राथमिकी के मुताबिक, जांच के दौरान घटनास्थल पर सफेद रंग का पाउडर बिखरा हुआ पाया गया. घटनास्थल से ”सफेद पाउडर” के नमूनों और मिट्टी को एकत्र कर उसे जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है ताकि बम को बनाने में इस्तेमाल मिश्रण का पता लगाया जा सके.

प्राथमिकी में यह भी कहा गया है कि विस्फोट अज्ञात विस्फोटक सामग्री के कारण हुआ. रविवार को फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के दलों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और नमूने जमा किए. एनएसजी कमांडो ने इलाके में विस्फोटक सामग्री की तलाश के लिए रोबोट भी तैनात किए हैं. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ”सफेद पाउडर अमोनियम नाइट्रेट और क्लोराइड का मिश्रण हो सकता है.” अधिकारी ने कहा कि अपराधी ने जानबूझकर इस स्थान का चयन किया जिसका मकसद लोगों को नुकसान पहुंचाना नहीं बल्कि एक संदेश देना था.

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