कांग्रेस अध्यक्ष के कथित फेसबुक पेज को लेकर विवाद, भाजपा ने विदेशी प्रभाव का आरोप लगाया

बेंगलुरु. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कर्नाटक इकाई ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नाम से सत्यापित फेसबुक पेज का हवाला देते हुए आरोप लगाया है कि उनके सोशल मीडिया का संचालन विदेश में बैठे लोगों द्वारा किया जा रहा है. खरगे के पुत्र एवं कर्नाटक के मंत्री प्रियंक खरगे ने इस आरोप को खारिज किया है. भाजपा की कर्नाटक इकाई ने ‘एक्स’ पर लिखा, ”वक़्फ जमीन हड़पने के मामले में सुर्खियों में आए मल्लिकार्जुन खरगे के सोशल मीडिया का संचालन अब विदेश में बैठे लोगों द्वारा किया जा रहा है. हम कांग्रेस की विभाजनकारी जाति-आधारित राजनीति के पीछे छिपे विदेशी प्रभाव के बारे में आगाह कर रहे हैं और यह इस बात की पुष्टि ही करता है. क्यों खरगे जी.” इसने पोस्ट में मल्लिकार्जुन खरगे के नाम वाले फेसबुक पेज से ”पेज की जानकारी” का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए पूछा, ”अपने लोगों के बजाय विदेशी लोगों पर भरोसा क्यों? भारत ने आपको इतना कुछ दिया है, फिर यह विश्वासघात क्यों?”

इस बीच खरगे के बेटे एवं कर्नाटक के इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी/बीटी मंत्री प्रियंक खरगे ने कहा कि यह पेज ”फर्जी” है और उन्होंने फेसबुक से इसे हटाने का अनुरोध किया है. भाजपा की पोस्ट को लेकर पलटवार करते हुए प्रियंक खरगे ने कहा कि भारत के इतिहास में ”सबसे प्रभावशाली गृह मंत्री” (अमित शाह का जिक्र करते हुए) होने का दावा करने के बावजूद, भाजपा यह निर्धारित नहीं कर सकती है कि विपक्षी नेता का अकाउंट असली है या नहीं.

उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”मैं भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के अथक प्रयासों की सराहना करता हूं. मात्र दो रुपये के लिए, उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के खिलाफ सोशल मीडिया पर दुर्भावनापूर्ण अभियान चलाया है.” उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष के ‘एक्स’ अकाउंट और व्हाट्सएप चैनल के लिंक साझा करते हुए कहा, ”स्पष्टता के लिए बता दूं कि खरगे के केवल दो आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट हैं.”

प्रियंक खरगे ने कहा कि राष्ट्रीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, भाजपा एक बंद पड़े फेसबुक पेज की जांच करने में लगी हुई है, जो 2020 से सक्रिय नहीं है और जो एक अज्ञात ईमेल से जुड़ा है. उन्होंने कहा, ”चूंकि हमें नहीं पता कि इसके पीछे कौन है, इसलिए हमने आधिकारिक तौर पर फेसबुक से इसे हटाने का अनुरोध किया है. इसके अलावा, एक ‘फेसबुक ब्लू टिक’ तो आसानी से एक पेड सब्सक्रिप्शन के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है.”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *