नयी दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ‘कार्टन’ से घिरीं दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी द्वारा कालकाजी स्थित अपने आवास पर फाइलों पर हस्ताक्षर किए जाने की तस्वीरें साझा करने को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) की आलोचना की और उस पर सहानुभूति हासिल करने के लिए ‘फ्लैगस्टाफ रोड बंगला’ विवाद में स्वयं को पीड़ित के रूप में दिखाने और ”नाटक” करने का आरोप लगाया.
‘आप’ ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर बृहस्पतिवार को कुछ तस्वीरें साझा कर दावा किया कि आतिशी अपने कालकाजी स्थित आवास पर सामान के ‘कार्टन’ के बीच फाइलों पर दस्तखत कर रही हैं. इससे एक दिन पहले, दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने बुधवार को एक बयान में आरोप लगाया था कि सिविल लाइंस में 6, फ्लैगस्टाफ रोड स्थित ”मुख्यमंत्री आवास” को भाजपा के इशारे पर जबरन खाली कराया गया, क्योंकि उपराज्यपाल वी के सक्सेना इसे भाजपा के एक नेता को आवंटित करना चाहते हैं.
भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि ‘आप’ के दावे के विपरीत 6, फ्लैगस्टाफ रोड स्थित बंगला दिल्ली के मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास नहीं है. सचदेवा ने कहा, ”यह अन्य सरकारी बंगलों की तरह है, जहां अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री के रूप में रहते थे.” उन्होंने ‘आप’ सरकार को यह साबित करने की चुनौती दी कि सिविल लाइंस क्षेत्र में 6, फ्लैगस्टाफ रोड स्थित बंगला मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के रूप में ”चिह्नित” था.
सचदेवा ने कहा, ”अगर आतिशी वहां रहना चाहती हैं तो हमें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन यह नियमों के अनुसार ही होना चाहिए.” दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने आतिशी पर स्वयं को पीड़िता के रूप में दिखाने का आरोप लगाते हुए कहा, ”खाली बक्सों के बीच काम करतीं दिख रहीं आतिशी की तस्वीरें साझा करना आम आदमी पार्टी का नया नाटक है.” गुप्ता ने बृहस्पतिवार को मथुरा रोड स्थित एबी-17 बंगले का दौरा किया जो पिछले साल मंत्री बनने के बाद आतिशी को आवंटित किया गया था.
उन्होंने कहा, ”उनके नाम पर मथुरा रोड पर एक बंगला आवंटित है, जिसका इस्तेमाल उस समय शीला दीक्षित ने 10 साल तक किया था, जब वह दिल्ली की मुख्यमंत्री थीं.” उन्होंने कहा, ”इसके अलावा आतिशी दिल्ली सचिवालय में अपने कार्यालय से काम कर सकती हैं, लेकिन वह खाली डिब्बे के साथ तस्वीरें खिंचाकर स्वयं को पीड़िता दिखाने का निरर्थक प्रयास कर रही हैं.” ‘आप’ ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह 27 वर्षों तक दिल्ली में सत्ता में न रहने के बावजूद ”मुख्यमंत्री के बंगले” पर कब्जा करने की कोशिश कर रही है.