रायपुर. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को दुर्गाष्टमी और महानवमी की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं. इस अवसर पर साय ने मां दुर्गा से प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि और खुशहाली की प्रार्थना की है. अपने शुभकामना संदेश में उन्होंने कहा है कि शक्ति की उपासना का महापर्व नवरात्रि पूरे देश में नौ दिनों तक भक्तिभाव से मनाया जाता है. इस दौरान देवी के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि के आठवें दिन माता शक्ति के आठवें स्वरूप माता महागौरी और नवमी पर देवी सिद्धिदात्रि स्वरुप की पूजा अर्चना की जाती है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि शक्ति का यह पर्व हमें मातृशक्ति की आराधना और सम्मान की प्रेरणा देता है. यह त्यौहार हमें सिखाता है कि नारी का सम्मान हमारी परम्परा और संस्कृति का हिस्सा होने के साथ ही हमारे मूल्यों में रचा बसा है. इन मूल्यों को जीवंत बनाए रखना हम सबकी महती जिम्मेदारी है.
मुख्यमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस की दी बधाई
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर सभी बेटियों को बधाई और उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने अपने बधाई संदेश में कहा है कि बालिकाओं के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने, उन्हें सशक्त करने और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 11 अक्तूबर को अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है. यह दिन दुनिया भर में बालिकाओं के सामने आने वाली समस्याओं एवं उसके समाधान के प्रति जागरूकता को बढ़ाने का दिन है.
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इस साल अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस का विषय ‘भविष्य के लिए बालिकाओं का दृष्टिकोण’ है. साय ने कहा कि बेटियां देश-प्रदेश, समाज और परिवार का गौरव होती हैं. उन्हें सशक्त बनाने के लिए सुरक्षित और सहज माहौल देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हमारी बेटियां खूब पढें, निडर होकर आगे बढ़ें, अपने सपनों को साकार करें और घर-परिवार के साथ देश-प्रदेश की उन्नति में सहभागी बने, इसके लिए राज्य सरकार सदैव प्रयासरत है.
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में महिलाओं के सम्मान की परम्परा है . हमारी बहन, बेटियों और माताओं के स्वास्थ्य और तरक्की के लिए बेहतर वातावरण निर्मित हो, इसके लिए शासन महतारी वंदन योजना,मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, शुचिता योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना सहित अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रही हैं. इसी कारण आज छत्तीसगढ़ की बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं.