मुल्तान. टेस्ट क्रिकेट का 2553वां मैच रिकॉर्ड बुक में हमेशा अपना विशेष स्थान बनाए रखेगा क्योंकि इंग्लैंड ने पाकिस्तान के खिलाफ यहां खेले जा रहे मैच में अपनी पहली पारी सात विकेट पर 823 रन बनाकर समाप्त घोषित करके कुछ नए रिकॉर्ड बनाए. यह टेस्ट क्रिकेट में केवल चौथा अवसर है जबकि किसी टीम में 800 से अधिक रन बनाए. यह टेस्ट क्रिकेट में चौथा बड़ा स्कोर भी है. रिकार्ड श्रीलंका के नाम पर है जिसने 1997 में भारत के खिलाफ छह विकेट पर 952 रन बना कर अपनी पारी समाप्त घोषित की थी.
श्रीलंका ने तब टेस्ट क्रिकेट में सर्वोच्च स्कोर के इंग्लैंड के रिकॉर्ड को तोड़ा था जिसने 1938 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी पारी सात विकेट पर 903 रन बनाकर समाप्त घोषित की थी. इंग्लैंड ने इससे पहले 1930 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 849 रन बनाए थे. जो रूट ने 262 रन बनाकर अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेली. इस दौरान वह इंग्लैंड की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बने. उन्होंने एलिस्टेयर कुक को पीछे छोड़ा. वह टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में सचिन तेंदुलकर, रिकी पोंटिंग, जाक कैलिस और राहुल द्रविड़ के बाद पांचवें स्थान पर पहुंच गए हैं.
हैरी ब्रूक ने 317 रन की बड़ी पारी खेली जो टेस्ट क्रिकेट में किसी एक पारी में सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर की सूची में संयुक्त रूप से 20वें नंबर पर है. वह टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक बनाने वाले इंग्लैंड के छठे बल्लेबाज बन गए हैं. यह 1990 में ग्राहम गूच के भारत के खिलाफ लगाए गए तिहरे शतक के बाद पहला अवसर है जबकि इंग्लैंड के किसी बल्लेबाज ने यह उपलब्धि हासिल की.
रूट और ब्रूक ने 454 रन जोड़े जो इंग्लैंड की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में चौथे विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी है. सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड श्रीलंका के कुमार संगकारा और महेला जयवर्धने के नाम पर है जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2006 में 624 रन की साझेदारी की थी. पाकिस्तान के छह गेंदबाजों ने 100 से अधिक रन लुटाए. यह टेस्ट क्रिकेट में केवल दूसरा अवसर है जबकि छह गेंदबाजों ने एक पारी में 100 से अधिक रन दिए. इससे पहले 2004 में जिंबॉब्वे के गेंदबाजों ने श्रीलंका के खिलाफ यह रिकॉर्ड बनाया था.