रायपुर। तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसादम में मिलावटी घी का खुलासा होने के बाद देशभर के मंदिरों के प्रसाद की जांच जारी है। छत्तीसगढ़ में भी कई मंदिरों के प्रसाद एंव अन्य सामग्रियों की जांच कराई गई थी। इस दौरान माता बम्लेश्वरी मंदिर के प्रसाद को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है।
खाद्य विभाग ने मारा छापा –
राजनांदगांव के डोंगरगढ़ में स्थित माता बम्लेश्वरी मंदिर के प्रसाद की जांच करने का आदेश जारी किया गया था। इसके बाद जांच के दौरान चौंका देने वाला खुलासा हुआ। इस खुलासे से खाद्य विभाग के अधिकारी भी सन्न रह गए। दरअसल, माता के मंदिर में चढ़ने वाला प्रसाद किसी शुद्ध या पवित्र जगह पर नहीं, बल्कि मुस्लिम के पोल्ट्री फॉर्म में बनाया जा रहा था। बताया जा रहा है कि अधिकारियों को मामले की मुखबिर से सुचना मिली थी। इसके बाद छापेमार कार्रवाई कर खुलासा किया गया।
मुसलमान के पोल्ट्री फॉर्म में बन रहा था प्रसाद –
हैरानी की बात ये है कि माता के मंदिर में चढ़ने वाला प्रसाद मुसलमान के पोल्ट्री फॉर्म में बनाया जा रहा था और पैकेट में लिखा जाता था कि प्रसाद का निर्माण पवित्रता के साथ शुद्ध स्थान में किया गया है। इस खुलासे के बाद अब तिरुपति बालाजी मंदिर की तरह माता बम्लेश्वरी मंदिर के व्यवस्था और अनुशासन पर सवाल उठ रहे हैं।
खाद्य विभाग ने लिया प्रसाद का सैंपल –
यह पूरा मामला डोंगरगढ़ के गांव राका का है। छापेमारी में खुलासा हुआ कि जहां मुर्गी पालन होता है वहीं माता के मंदिर में प्रसाद के तौर पर चढ़ने वाला इलायची दाना का निर्माण होता है। मामले में छापेमार कार्रवाई के बाद अधिकारियों ने प्रसाद का सैंपल लिया है।
मजहर खान बना रहा था ‘श्री प्रसाद’ के नाम से प्रसाद –
प्रसाद में इस बड़े खुलासे के बाद एक और भी चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। प्रसाद बनाने वाले पोल्ट्री फॉर्म का मालिक मजहर खान पैकेट का नाम हिंदू नाम से चला रहा था। भक्तों को गुमराह करने के लिए मजहर खान ‘श्री प्रसाद’ के नाम से पैकेट बनाकर बेच रहा था।