नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2002 में गुजरात के गोधरा में हुए ट्रेन अग्निकांड की घटना पर बनी एक फिल्म का जिक्र करते हुए रविवार को कहा कि फर्जी विमर्श को कुछ समय के लिए ही आगे बढ़ाया जा सकता है. उक्त घटना के समय वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे.
मोदी ने यह टिप्पणी एक उपयोगकर्ता के पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए की. पोस्ट में फिल्म ‘साबरमती रिपोर्ट’ की प्रशंसा करते हुए कहा गया कि यह ”हमारे हाल के इतिहास की सबसे शर्मनाक घटनाओं में से एक की महत्वपूर्ण सच्चाई को सामने लाती है.” उपयोगकर्ता ने अन्य बिंदु भी उठाए, जिनमें दावा किया गया कि साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में ”यात्रियों को बेरहमी से जलाए जाने” की घटना को निहित स्वार्थ वाले समूह द्वारा राजनीतिक खेल में बदल दिया गया. उसने मोदी के स्पष्ट संदर्भ में कहा कि ‘एक नेता’ की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया.
प्रधानमंत्री ने कहा, ”ठीक कहा. यह अच्छी बात है कि यह सच्चाई सामने आ रही है और वह भी इस तरह कि आम लोग इसे देख सकें.” अयोध्या से बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों को लेकर आ रही ट्रेन में आग लगाने का आरोप मुस्लिम भीड़ पर लगा था. वहीं, अन्य तबके ने इसे महज एक हादसा कहा. इस आग में 50 से अधिक यात्री मारे गए थे, जिसके बाद गुजरात में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे.
केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में रेल मंत्री रहने के दौरान लालू प्रसाद द्वारा गठित की गई जांच समिति ने हादसे के सिद्धांत का समर्थन किया था. हालांकि, ट्रेन में आग लगाने के मामले में कई आरोपियों को अदालतों ने दोषी ठहराया, जिससे राज्य पुलिस के दावे की पुष्टि हुई.