महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। दोनों राज्यों में राजनीतिक दल जमकर प्रचार कर रहे हैं और पार्टी के नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो चली है। वहीं इस जुबानी जंग में आपत्तिजनक बयानों को लेकर भाजपा और कांग्रेस ने एक-दूसरे की शिकायत चुनाव आयोग से की थी। इस पर चुनाव आयोग ने दोनों दलों के राष्ट्रीय अध्यक्ष से जवाब मांगा है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर कांग्रेस की ओर से की गई शिकायत पर जवाब मांगा है। जबकि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से भी भाजपा की ओर से की गई शिकायत पर जवाब देने के लिए कहा है।
चुनाव आयोग ने दोनों पार्टी अध्यक्षों से 18 नवंबर को दोपहर एक बजे तक औपचारिक जवाब मांगा है। साथ ही उन्हें लोकसभा चुनाव के दौरान 22 मई 2024 को जारी किए गए चुनाव आयोग के पूर्व परामर्श की याद दिलाई है। इसमें स्टार प्रचारकों और नेताओं पर नियंत्रण रखने के लिए कहा गया था। ताकि सार्वजनिक शिष्टाचार का उल्लंघन न हो और चुनाव प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता का अक्षरशः पालन किया जा सके।
कांग्रेस ने यह आरोप लगाए थे
कांग्रेस ने 14 नवंबर को चुनाव अभियान के दौरान झूठे, विभाजनकारी, दुर्भावनापूर्ण और निंदनीय बयान देने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। विपक्षी दल ने आयोग से महाराष्ट्र और झारखंड में शेष चुनाव अभियान के लिए पीएम मोदी और शाह को चुनाव संबंधी किसी भी गतिविधि से प्रतिबंधित करने, मामले की गहन जांच कराने की मांग की थी। कांग्रेस ने चुनाव अभियान के दौरान नफरती बयान देने वाले भाजपा में शामिल सभी नेताओं के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की थी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया था कि 8 नवंबर को पीएम मोदी ने नासिक और महाराष्ट्र के धुले में चुनावी रैलियों के दौरान कांग्रेस और उसके सहयोगियों को निशाना बनाते हुए कई झूठे, दुर्भावनापूर्ण और निंदनीय बयान दिए। उन्होंने अपने बयानों में कांग्रेस के प्रमुख नेताओं और पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी पर आरोप लगाए।
भाजपा ने की थी शिकायत
भाजपा ने 11 नवंबर को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की शिकायत की थी। भाजपा ने कहा था कि राहुल गांधी ने राज्यों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने का प्रयास किया। उन्होंने संविधान की धज्जियां उड़ाईं और झूठ बोला कि भाजपा संविधान को नष्ट करने वाली है। यह झूठ है। हमने आयोग से कहा है कि इसे रोका जाना चाहिए। हमने आयोग को यह भी बताया कि राहुल गांधी ऐसा करने के आदी हैं और चेतावनी और नोटिस के बाद भी वे ऐसा करने से बाज नहीं आ रहे हैं। मेघवाल ने कहा कि हमने राहुल गांधी के खिलाफ बीएनएस की धारा 353 के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।