ओडिशा के 24 तटीय गांवों को यूनेस्को ने ‘सुनामी के लिए तैयार’ घोषित किया

भुवनेश्वर: ओडिशा के 24 तटीय गांवों को यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) के अंतर-सरकारी महासागरीय आयोग द्वारा ‘सुनामी के लिए तैयार’ स्थान के रूप में मान्यता दी गई। इस बारे में जारी एक बयान से यह जानकारी मिली।

इंडोनेशिया में 11 नवंबर को आयोजित द्वितीय वैश्विक सुनामी संगोष्ठी के दौरान इन गांवों को यह मान्यता दी गई। बयान में कहा गया है कि ये गांव बालासोर, भद्रक, केंद्रपाड़ा, जगतंिसहपुर, पुरी और गंजाम जिलों में स्थित हैं।

इसके अलावा, राज्य के दो गांवों के लिए ‘सुनामी तैयारी मान्यता प्रमाणपत्रों’ का नवीनीकरण किया गया। ये गांव जगतंिसहपुर जिले का नोलियासाही और गंजाम जिले का वेंकटरायपुर हैं। इन्हें 2020 में ‘सुनामी के लिए तैयार’ स्थान के रूप में मान्यता दी गई थी।

बयान में कहा गया है कि इन 24 सुनामी संभावित गांवों में हितधारकों को प्रशिक्षण, सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम, सुनामी प्रबंधन योजना तैयार करना, ‘मॉक ड्रिल’ आयोजित करना और निकासी मार्गों की पहचान सहित विभिन्न गतिविधियां की गईं।

राष्ट्रीय सुनामी तैयारी मान्यता बोर्ड के सदस्यों ने 12 संकेतकों के सत्यापन के लिए इन तटीय गांवों का दौरा किया, जिनके आधार पर सितंबर में इनका मूल्यांकन किया गया था। इन सदस्यों में भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केन्द्र के वैज्ञानिक और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अधिकारी शामिल थे।

बयान के अनुसार, ‘‘एनटीआरबी के सदस्यों ने संकेतकों के सत्यापन के बाद आईओसी-यूनेस्को को ओडिशा के इन 26 तटीय गांवों के समुदायों को सुनामी के लिए तैयार समुदायों के रूप में मान्यता देने की सिफारिश की।’’ सरकार ने राज्य के 381 गांवों की पहचान सुनामी-संभावित गांवों के रूप में की है। अधिकारियों ने कहा कि ओडिशा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ओएसडीएमए) सभी सुनामी-संभावित बस्तियों के तटीय समुदायों को ‘सुनामी के लिहाज से तैयार’ बनाने के लिए काम कर रहा है।

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