नयी दिल्ली. दिल्ली की एक अदालत ने जेल में बंद जम्मू-कश्मीर के बारामूला से सांसद इंजीनियर रशीद की जमानत याचिका पर आदेश स्थगित कर दिया. अदालत ने कहा कि चूंकि अब वह सांसद हैं, इसलिए उनका मामला जनप्रतिनिधियों से संबंधित विशेष अदालत में जा सकता है.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने इस बात पर बल दिया कि चूंकि रशीद अब सांसद हैं ऐसे में इस बात की समीक्षा की जाएगी कि उनके मामले में सुनवाई करना इस अदालत के अधिकार क्षेत्र में है या नहीं और इस बात पर विचार किया जाएगा कि क्या मामले को जनप्रतिनिधियों से संबंधित विशेष अदालत में स्थानांतरित किया जाए या नहीं. न्यायाधीश ने कथित आतंकवाद वित्तपोषण मामले में रशीद की जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया था.
न्यायाधीश 13 नवंबर को सुनवाई के क्षेत्राधिकार के मुद्दे पर समीक्षा करेंगे, जबकि आदेश 19 नवंबर को पारित किया जाएगा.
अदालत ने कहा, ”चूंकि हम सुनवाई के क्षेत्राधिकार को लेकर विचार कर रहे हैं कि क्या मामले की सुनवाई इस अदालत द्वारा की जाएगी या राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की विशेष सांसद/विधायक अदालत द्वारा. इसे (जमानत आदेश को) उसके बाद ही जारी किया जाएगा.” इस बीच, रशीद ने अपनी अंतरिम जमानत अवधि पूरी होने के बाद सोमवार को तिहाड़ जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया.
अदालत ने जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए इंजीनियर रशीद के नाम से मशहूर शेख अब्दुल रशीद को 10 सितंबर को अंतरिम जमानत प्रदान की थी. न्यायाधीश ने उनकी नियमित जमानत याचिका पर आदेश स्थगित कर दिया था.
रशीद के पिता के खराब स्वास्थ्य के आधार पर उनकी अंतरिम जमानत 28 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई थी. एनआईए ने दस्तावेजों का सत्यापन करने के बाद याचिका का विरोध नहीं किया था.
नवनिर्वाचित सांसद रशीद 2017 के आतंकवाद वित्तपोषण मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से 2019 से तिहाड़ जेल में बंद थे. जम्मू कश्मीर की 90 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव परिणाम आठ अक्टूबर को घोषित किए गए थे, जिसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन ने 48 सीट जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया था. मतदान दो चरणों में 18 सितंबर और एक अक्टूबर को हुआ था.