एयरलाइन का वित्तीय प्रदर्शन इंडिगो एयरलाइन, जो देश की सबसे बड़ी एयरलाइन है, ने वित्तीय वर्ष 24-25 की दूसरी तिमाही में 986.7 करोड़ रुपये का घाटा रिपोर्ट किया है। यह दो साल में पहली बार है जब कंपनी को घाटा हुआ है, जबकि इसकी आमदनी 13.6% बढ़कर 16,970 करोड़ रुपये हो गई है।
घाटे के कारण
कंपनी का कहना है कि घाटे का मुख्य कारण ईंधन की ऊंची कीमतें और विमानों की कमी है। इस तिमाही में ईंधन खर्च 12.8% बढ़कर 6,605.2 करोड़ रुपये हो गया। इसके अलावा, विमानों और इंजन के किराए में भी चार गुना वृद्धि हुई, जिससे वित्तीय परिणाम प्रभावित हुए।
कुल खर्च में बढ़ोतरी
इंडिगो का कुल खर्च 22% बढ़कर 18,666.1 करोड़ रुपये हो गया। इस वृद्धि में हवाई अड्डों के चार्ज, विमानों के किराए और मेंटेनेंस खर्च शामिल हैं।
बाजार हिस्सेदारी
इसके बावजूद, सितंबर तिमाही में इंडिगो ने 2.78 करोड़ यात्रियों को सेवा प्रदान की और देश की 63% बाजार हिस्सेदारी हासिल की।
CEO का बयान
इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स ने बताया कि कंपनी की वृद्धि और विस्तार की प्रक्रिया जारी है, लेकिन पार्ट्स की सप्लाई चेन और इंजन के रखरखाव से जुड़ी समस्याओं के कारण 60 विमानों को ग्राउंडेड रखा गया है।
भविष्य की संभावनाएं
एल्बर्स ने कहा कि खड़े विमानों की संख्या में कमी आनी शुरू हो गई है, जिससे कंपनी की वित्तीय स्थिति में सुधार की उम्मीद है।