हेग: इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीसी) के अभियोजक जब इस साल युद्ध अपराध के आरोप लगा रहे थे तो उसी समय स्वयं पर भी आरोप लगाया गया कि उन्होंने एक महिला सहयोगी को यौन संबंध बनाने के लिए वर्ष भर से अधिक समय तक मजबूर करने का प्रयास किया।
अभियोजक करीम खान ने इन आरोपों से इनकार किया है और न्यायालय के अधिकारियों ने सुझाव दिया है कि ये आरोप बदनाम करने के लिए इजराइली खुफिया अभियान के तहत लगाए गए होंगे। समाचार एजेंसी ‘एसोसिएटेड प्रेस’ ने आईसीसी की स्वतंत्र निगरानी संस्था के साथ साझा किए गये दस्तावेजों और आठ आईसीसी अधिकारियों और महिला के करीबी व्यक्तियों से पूछताछ के माध्यम से आरोपों का विवरण जुटाया।
एपी द्वारा की गई पड़ताल के कुछ प्रमुख निष्कर्ष यहां दिए गए हैं: क्या आरोप लगाये गए हैं?
एपी से साझा किये गए आरोपों में से एक यह है कि खान ने आईसीसी में दूसरे विभाग में काम करने वाली महिला को देखा और उसे अपने कार्यालय में ले आए, इस स्थानांतरण में वेतन वृद्धि भी शामिल थी। लंदन में एक निजी रात्रिभोज के बाद कथित तौर पर उसके साथ समय बिताया। इसके बाद, वह महिला आधिकारिक यात्राओं और गणमान्य व्यक्तियों के साथ बैठकों में मौजूद रहने लगी।
दस्तावेजों के अनुसार, ऐसी ही एक यात्रा के दौरान, खान ने कथित तौर पर महिला को होटल में बिस्तर पर अपने साथ आराम करने के लिए कहा और फिर उसे कामुक रूप से छुआ। बाद में, वह तड़के 3 बजे उसके कमरे में आया और 10 मिनट तक दरवाजा खटखटाया।
दस्तावेजों में जिक्र किये गए अन्य कथित असहमतिपूर्ण व्यवहारों में खान द्वारा अपने कार्यालय का दरवाजा बंद करना और महिला की जेब में हाथ डालना शामिल है। उसने कथित तौर पर कई मौकों पर उसे साथ में छुट्टियां बिताने के लिए भी कहा।
खान(54) ने एक बयान में कहा कि ‘‘दुराचार के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं हैह्व और 30 वर्षों के कामकाज के दौरान, वह हमेशा यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार पीड़ितों के साथ खड़े रहे हैं। खान ने कहा कि अगर उनसे कहा जाता है तो वह किसी भी जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि आरोपों को ‘‘पूरी तरह से सुना जाए, जांच की जाए और उचित प्रक्रिया का पालन किया जाए।’’
महिला ने आईसीसी के हेग स्थित मुख्यालय में जिन दो सहर्किमयों से इस कथित दुर्व्यवहार के बारे में बात की थी, उन्होंने मई की शुरुआत में अदालत की स्वतंत्र निगरानी संस्था को इस कथित दुर्व्यवहार की सूचना दी थी।
निगरानी संस्था के अनुसार, महिला से पूछताछ की गई और जब उसने औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं करने का विकल्प चुना, तो पांच दिन बाद उसने अपनी जांच समाप्त कर दी। खान से कभी पूछताछ नहीं की गई।
युद्ध अपराध के आरोपों का क्या हुआ? खान ने 20 मई को युद्ध अपराध के आरोपों में नेतन्याहू, उनके रक्षा मंत्री और तीन हमास नेताओं के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट की मांग की। तीन न्यायाधीशों का पैनल अब उस अनुरोध पर विचार कर रहा है।
युद्ध अपराध से जुड़े आरोपों की घोषणा करते हुए खान ने कहा कि बाहरी ताकतें उनकी जांच को पटरी से उतारने की कोशिश कर रही हैं। खान ने कहा, ‘‘मैं जोर देकर कहता हूं कि इस अदालत के अधिकारियों को कर्तव्य निर्वहन करने से रोकने, डराने या अनुचित तरीके से प्रभावित करने के सभी प्रयास तुरंत बंद होने चाहिए।’’