रांची. असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह दलितों का अनादर करती है और उनके साथ तीसरे दर्जे के नागरिक जैसा व्यवहार करती है. शर्मा ने हाल में सामने आए एक वीडियो के संबंध में यह टिप्पणी की है, जिसमें प्रियंका गांधी वाद्रा के वायनाड लोकसभा क्षेत्र के लिए नामांकन दाखिल करने के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे बाहर इंतजार करते हुए नजर आ रहे हैं.
शर्मा ने रांची में संवाददाताओं से कहा, ”प्रियंका गांधी वाद्रा के नामांकन दाखिल करने के दौरान मल्लिकार्जुन खरगे के साथ जो व्यवहार किया गया है, लोगों ने उसे देखा है और उसके बाद दलितों के मुद्दे पर कांग्रेस की पोल खुल गई है.” उन्होंने कहा, ”राहुल गांधी नाटक करते हैं और दिखावा करते हैं कि वह दलितों का सम्मान करते हैं, लेकिन जिस तरह से खरगे जी के साथ व्यवहार किया गया उससे यह स्पष्ट है कि कांग्रेस दलितों को अछूत और तीसरे दर्जे का नागरिक मानती है.” असम के मुख्यमंत्री शर्मा झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सह-प्रभारी हैं.
उन्होंने कहा, ”खरगे जी के साथ जो हुआ वह स्वत: स्पष्ट है.” शर्मा ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें जनता को जवाब देना होगा कि उन्हें जेल क्यों जाना पड़ा था. उन्होंने कहा, ”यह बात तो साफ है कि वह झारखंड आंदोलन या स्वतंत्रता संग्राम के कारण जेल नहीं गए थे.” प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन के मामले में इस साल 31 जनवरी को हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था.
झामुमो नेता ने बार-बार दावा किया है कि उन्हें भाजपा के इशारे पर जेल भेजा गया क्योंकि पार्टी ने ही उनके खिलाफ साजिश रची थी.
सोरेन को पांच महीने बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया था. झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए मतदान दो चरणों में 13 नवंबर और 20 नवंबर को होगा जबकि 23 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे.
चुनाव के पहले चरण के लिए 18 अक्टूबर से नामांकन प्रक्रिया शुरू हुई थी और यह 25 अक्टूबर को समाप्त होगी, जबकि दूसरे चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया 22 अक्टूबर से शुरू हुई और 29 अक्टूबर तक जारी रहेगी. झारखंड विधानसभा चुनाव में कुल 2.60 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र हैं, जिनमें 1.13 लाख दिव्यांग, तृतीय लिंगी और 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाता हैं तथा 11.84 लाख मतदाता ऐसे हैं जो पहली बार मतदान करेंगे.