नयी दिल्ली. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधवी पुरी बुच द्वारा संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के समक्ष उपस्थित होने में असमर्थता जताने के बाद बृहस्पतिवार को सवाल किया कि आखिर उन्हें पीएसी के प्रति जवाबदेह होने से बचाने के मंसूबे के पीछे कौन है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मोदी सरकार अपने ”कारनामों” को सेबी प्रमुख को ढाल बनाकर छिपा नहीं सकती.
माधवी पुरी बुच के बृहस्पतिवार को संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के समक्ष उपस्थित होने में असमर्थता जताने के कारण समिति के प्रमुख के.सी. वेणुगोपाल ने इसकी बैठक स्थगित कर दी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने वेणुगोपाल पर एकतरफा तरीके से निर्णय लेने और असंसदीय आचरण करने का आरोप लगाते हुए लोकसभा अध्यक्ष (स्पीकर) ओम बिरला से शिकायत की.
राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”माधवी बुच संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के समक्ष सवालों का जवाब देने में क्यों अनिच्छुक हैं? उन्हें पीएसी के प्रति जवाबदेह होने से बचाने के मंसूबे के पीछे कौन है?” खरगे ने कहा, ”संसद की पीएसी को संवैधानिक अधिकार है कि वो किसी भी सरकारी जांच के विषय में किसी भी अधिकारी को तलब कर सकती है. सेबी की स्वायत्तता को सुरक्षित रखने के लिए, संस्थान की निष्पक्षता बरक.रार रखने के लिए और संसद में जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सेबी प्रमुख को पीएसी के समक्ष जवाब देने ही होंगे.” उन्होंने कहा, ”मोदी सरकार अपने कारनामों को सेबी प्रमुख को ढाल बनाकर छिपा नहीं सकती ! आख.रिकार करोड़ों छोटे-मध्यम लोगों के निवेश का सवाल है.”