नयी दिल्ली. अनिल अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस समूह की कंपनी रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने महाराष्ट्र के रत्नागिरी में विस्फोटक, गोला-बारूद और छोटे हथियार बनाने के लिए एकीकृत परियोजना स्थापित करने की मंगलवार को घोषणा की. कंपनी ने बयान में कहा कि वह अगले 10 साल में इस परियोजना में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेगी. रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने अपनी अनुषंगी कंपनियों के माध्यम से पिछले कुछ समय में 1,000 करोड़ रुपये से अधिक के रक्षा उपकरणों का निर्यात किया है.
बयान के मुताबिक, कंपनी को धीरूभाई अंबानी डिफेंस सिटी (डीएडीसी) विकसित करने के लिए महाराष्ट्र के रत्नागिरी के वाटाड औद्योगिक क्षेत्र में 1,000 एकड़ जमीन आवंटित की गई है. डीएडीसी देश में किसी भी निजी क्षेत्र की कंपनी की रक्षा क्षेत्र में सबसे बड़ी नई परियोजना होगी. बयान में कहा गया है कि परियोजनाओं के तहत दुनिया की छह अग्रणी रक्षा कंपनियों के साथ संयुक्त उद्यम स्थापित किये जाने की योजना है.
कंपनी ने कहा, ”गोला-बारूद के दायरे में छोटे, मध्यम और बड़े कैलिबर और निर्देशित हथियार (र्टिमनली गाइडेड म्यूनिशन) शामिल हैं.” छोटे हथियारों का उपयोग नागरिक और सैन्य उपयोग को लेकर निर्यात बाजारों के लिए होगा. रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनियों जय आर्मामेंट्स लि. और रिलायंस डिफेंस लि. के पास पहले से ही हथियार और गोला-बारूद बनाने के लिए सरकार से लाइसेंस मिला हुआ है. रिलायंस का विश्व की दो प्रमुख रक्षा कंपनियों फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन और थेल्स के साथ पहले से ही संयुक्त उद्यम है. डसॉल्ट रिलायंस एयरोस्पेस लि.(डीआरएएन) और थेल्स रिलायंस डिफेंस सिस्टम्स (टीआरडीएस) अपना पूरा उत्पादन निर्यात करते हैं.