जम्मू. जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि लोगों की अपेक्षाएं पूरी करने के लिए कदम उठाने वाली सरकार को उनके कार्यालय का पूर्ण समर्थन मिलेगा. सिन्हा ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षित सीट की संख्या पर पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा अपनी रिपोर्ट पेश करते ही, मौसम के अनुकूल रहने तथा आवश्यक सुरक्षा बल उपलब्ध होने की स्थिति में केंद्र शासित प्रदेश में जल्द स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाएंगे.
सोमवार की शाम को पीटीआई-भाषा के साथ साक्षात्कार में सिन्हा ने कहा, ”मैं आश्वासन देता हूं कि जो सरकार लोगों की अपेक्षाएं पूरी करने के लिए उचित कदम उठाएगी, उसे उपराज्यपाल कार्यालय का पूर्ण सहयोग मिलेगा.” उपराज्यपाल कार्यालय एवं मुख्यमंत्री के बीच कामकाज की व्यवस्था के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सत्ता में आने वाली कोई भी चुनी हुई सरकार लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करना चाहती है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला ने केंद्र शासित बनने के बाद जम्मू कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है.
जम्मू कश्मीर विधानसभा में उपराज्यपाल द्वारा पांच विधायकों को नामित किए जाने के संदर्भ में कांग्रेस के विरोध जताने और इस संबंध में अदालत में एक याचिका दायर करने के बारे में पूछे जाने पर सिन्हा ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है तथा हर किसी को किसी भी बात का विरोध करने का अधिकार है.
उन्होंने कहा, ”देश जानता है कि जब पुडुचेरी विधानसभा का गठन हुआ था तब माननीय लाल बहादुर शास्त्री गृह मंत्री थे. वह मनोनयन के जरिए सभी सीटों को भरने का प्रस्ताव लेकर आए थे. उस वक्त कुछ सांसदों ने इसका विरोध किया था और तब यह फैसला हुआ था कि 10 प्रतिशत सदस्यों को नामित किया जाएगा. इस तरह, 30 सदस्यों वाली विधानसभा में तीन सदस्य नामित किए जाएंगे.” सिन्हा ने कहा कि इस संबंध में पूर्व में अदालत का एक आदेश भी जारी हो चुका है.
उन्होंने कहा, ”यह राज्य पुनर्गठन अधिनियम का हिस्सा है. जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं वे अदालत जा सकते हैं, लेकिन मैं नहीं मानता कि इसमें कुछ भी असंवैधानिक है.” पूर्ववर्ती राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख में विभाजित करने वाले जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के कुछ प्रावधान उपराज्यपाल को जम्मू कश्मीर विधानसभा में पांच विधायक नामित करने की अनुमति देते हैं. इस प्रावधान का विरोध करने वालों में नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीपीपी), कांग्रेस शामिल है.
उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा कि पंचायत चुनाव जल्द होने चाहिए लेकिन प्रशासन अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए सीट आरक्षण पर रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है. उन्होंने कहा, ”अगर चुनाव इसके (रिपोर्ट के) बिना आयोजित किए जाते हैं तो अदालत उन्हें रोक देगी. फिर इसमें संशोधन के लिए हमें संसद जाना होगा. (चुनाव के लिए) तैयारियां निश्चित रूप से पूरी हो गई हैं.” सिन्हा ने कहा कि पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट प्राप्त होते ही, सुरक्षा बलों की उपलब्धता और मौसम की स्थिति के आधार पर स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाएंगे. जम्मू कश्मीर सरकार ने स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षित सीटों की संख्या की सिफारिश करने के लिए एक आयोग का गठन किया है.