नयी दिल्ली. दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को उत्तरपूर्वी दिल्ली में वर्ष 2020 में हुए दंगों के दौरान एक पुलिसकर्मी पर बंदूक तानने के आरोपी शाहरुख पठान को जमानत देने से इनकार कर दिया. न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने निचली अदालत के 14 दिसंबर के उस आदेश को चुनौती देने वाली पठान की जमानत याचिका खारिज कर दी, जिसमें उसे जमानत देने से इनकार कर दिया गया था.
पठान के वकील ने दलील दी कि उनके मुवक्किल पर दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल पर कथित तौर पर पिस्तौल तानने और गोली चलाने के आरोप में हत्या के प्रयास का आरोप लगाया गया था, जिसमें अधिकतम 10 साल की सजा हो सकती है, जबकि वह चार साल से अधिक समय हिरासत में बिता चुका है. निचली अदालत के समक्ष यह तर्क दिया गया कि लगभग 90 गवाहों से पूछताछ की जानी बाकी है और पठान को ‘अनंत काल’ तक जेल में नहीं रखा जा सकता है.
पठान को तीन मार्च, 2020 को उत्तर प्रदेश के शामली जिले से गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में वह दिल्ली की जेल में बंद है.
उत्तरपूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी, 2020 को हिंसक झड़पें हुई थीं, जिसमें 53 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए. उच्च न्यायालय इसके पहले जनवरी 2022 में भी पठान की जमानत याचिका खारिज कर चुका है.