निष्कासित भारतीय उच्चायुक्त ने कनाडा में सिख नेता की हत्या में संलिप्तता से किया इनकार

वैंकूवर. कनाडा में भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा ने कनाडाई सिख नेता हरदीप सिंह निज्जर की पिछले साल ब्रिटिश कोलंबिया में हुई हत्या में किसी भी प्रकार की संलिप्तता से इनकार किया है. हालांकि, कनाडाई सरकार ने इस हत्या में उनकी संलिप्तता का आरोप लगाया है. कनाडा ने गत सोमवार को संजय कुमार वर्मा समेत पांच अन्य भारतीय राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था. वर्मा ने ‘सीटीवी’ के ‘क्वेश्चन पीरियड संडे’ में एक साक्षात्कार में कहा कि ये आरोप राजनीति से प्रेरित हैं.

यह पूछने पर कि क्या 18 जून 2023 को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक सांस्कृतिक केंद्र के बाहर हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर की गई हत्या में उनकी कोई भूमिका थी, इस पर वर्मा ने कहा, ”बिल्कुल भी नहीं. कोई सबूत नहीं दिया गया है. यह राजनीति से प्रेरित है.”

कनाडा में रह रहे चार भारतीय नागरिकों पर निज्जर की हत्या के आरोप लगाए गए हैं और उन पर मुकदमा चलाया जाना है.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और ‘रॉयल कनाडियन माउंटेड पुलिस’ (आरसीएमपी) ने गत सप्ताह आरोप लगाए थे कि भारतीय राजनयिक कनाडा में सिख अलगावदियों के बारे में अपने देश की सरकार के साथ सूचना साझा करके उन्हें निशाना बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि शीर्ष भारतीय अधिकारी उस जानकारी को भारत के संगठित आपराधिक समूहों को दे रहे हैं, जो गोलीबारी, वसूली और यहां तक कि हत्या कर ऐसे कार्यकर्ताओं को निशाना बना रहे हैं जो कनाडाई नागरिक हैं. वर्मा ने कनाडा में भारत सरकार द्वारा सिख अलगाववादियों को निशाना बनाए जाने से इनकार किया.

उन्होंने कहा, ”मैंने भारत के उच्चायुक्त के रूप में ऐसा कभी कुछ नहीं किया. कनाडा में भारतीय अधिकारियों द्वारा की गयी कोई भी कार्रवाई ‘सबके सामने’ थी.” वर्मा ने साक्षात्कार में निज्जर की हत्या की निंदा की. उन्होंने कहा, ”कोई भी हत्या गलत और बुरी बात है. मैं इसकी निंदा करता हूं.” वर्मा ने कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जोली की उस टिप्पणी पर भी पलटवार किया, जिसमें भारत की तुलना रूस से की गई थी. जोली ने कहा था कि कनाडा के राष्ट्रीय पुलिस बल ने भारतीय राजनयिकों को कनाडा में हत्याओं और जान से मारने की धमकियों से जोड़ा है.

भारतीय राजदूत ने कहा, ”वह जिस बारे में बात कर रही हैं, मुझे उसका ठोस सबूत देखने दीजिए. जहां तक मैं जानता हूं, वह राजनीतिक बातें कर रही हैं.” भारत, कनाडा के आरोपों को बेतुका बताकर खारिज कर चुका है और विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह इसके जवाब में कनाडा के कार्यवाहक उच्चायुक्त तथा पांच अन्य राजनयिकों को निष्कासित कर रहा है. वर्मा ने कहा कि कनाडाई आरोपों के बारे में ”हमारे साथ एक भी सबूत साझा नहीं किया गया.” आरसीएमपी ने कहा है कि इस महीने की शुरुआत में भारतीय अधिकारियों के साथ सबूत साझा करने के प्रयास असफल रहे थे. वर्मा ने कहा कि आरसीएमपी ने भारत की यात्रा करने के लिए उचित वीजा के वास्ते आवेदन नहीं दिया था.

उन्होंने कहा, ”वीजा लगाना होगा. किसी भी सरकारी प्रतिनिधिमंडल के लिए किसी अन्य देश की यात्रा करने के वास्ते आपको एक एजेंडे की आवश्यकता होती है. उनका कोई भी एजेंडा नहीं था.” कनाडा इकलौता देश नहीं है जिसने भारतीय अधिकारियों पर विदेशी सरजमीं पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है. अमेरिका के न्याय विभाग ने न्यूयॉर्क में रह रहे एक सिख अलगाववादी की हत्या की कथित नाकाम साजिश के संबंध में बृहस्पतिवार को भारत सरकार के एक कर्मचारी के खिलाफ आपराधिक आरोपों की घोषणा की.

अमेरिकी न्याय विभाग ने विकास यादव पर सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नून की हत्या की नाकाम साजिश में भूमिका के संबंध में, भाड़े के हत्यारों की मदद से हत्या को अंजाम देने का प्रयास करने और धन शोधन के आरोप लगाए गए हैं. इस पर वर्मा ने कहा, ”अभियोग, दोषसिद्धि नहीं है.” उन्होंने कहा कि भारत, अमेरिका की न्यायिक प्रक्रिया का पालन करेगा. कनाडा में निज्जर की हत्या के कारण भारत-कनाडा के संबंध एक साल से अधिक समय से तनावपूर्ण बने हुए हैं लेकिन वर्मा का मानना है कि इससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा, ”मुझे नहीं लगता कि इसका गैर-राजनीतिक द्विपक्षीय संबंधों पर ज्यादा असर पड़ेगा.”

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