नयी दिल्ली. कंगना रनौत की फिल्म ”इमरजेंसी” आखिरकार रिलीज के लिए तैयार है और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने इस विवादास्पद फिल्म को सेंसर प्रमाणपत्र जारी कर दिया है. इस फिल्म में अभिनेत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका निभाई है.
रनौत ने ‘इंस्टाग्राम स्टोरीज’ पर लिखा, ह्लहमें अपनी फिल्म ‘इमरजेंसी’ के लिए प्रमाण पत्र मिल गया है.ह्व उन्होंने कहा, ह्ल हम जल्द ही रिलीज की तारीख की घोषणा करेंगे, आपके धैर्य और समर्थन के लिए धन्यवाद.ह्व यह फिल्म छह सितंबर को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली थी, लेकिन सेंसर बोर्ड से मंजूरी प्रमाण पत्र नहीं मिलने के कारण यह रिलीज. नहीं हो सकी. सेंसर बोर्ड का प्रमाण पत्र भारत में फिल्मों के सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए महत्वपूर्ण है.
रनौत ने ‘इमरजेंसी’ की पटकथा लिखी है. साथ में वह इसकी निर्देशक और सह-निर्माता भी हैं, फिल्म में वह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका में हैं. फिल्म यह तब विवादों में घिर गई थी जब शिरोमणि अकाली दल समेत सिख संगठनों ने इस पर समुदाय को गलत तरीके से पेश करने और गलत तथ्य पेश करने का आरोप लगाया था. उस समय अभिनेत्री ने दावा किया था कि उन्हें और सीबीएफसी सदस्यों को धमकियां मिली थीं, तथा उन पर सुरक्षा गार्डों द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या का दृश्य न दिखाने का दबाव था.
उन्होंने फिल्म निकाय पर प्रमाणन में बाधा डालने का भी आरोप लगाया था, जिसे उन्होंने ह्लबेहद हतोत्साहित करने वालाह्व बताया था. सितंबर की शुरुआत में प्रोडक्शन हाउस ज.ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज ने बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर सीबीएफसी को फिल्म के लिए प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश देने की मांग की थी. बाद में सीबीएफसी ने बंबई उच्च न्यायालय को बताया था कि रनौत ने फिल्म में उस सामग्री को हटाने पर सहमति जताई है जिनका सुझाव बोर्ड ने दिया है.
रनौत ने कहा था कि सेंसर प्रमाण पत्र मिलने में देरी के कारण ‘इमरजेंसी’ की रिलीज स्थगित होने के बाद उन्हें मुंबई में अपनी संपत्ति बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा. ‘इमरजेंसी’ पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 1975 से 1977 तक 21 महीने के लिए लागू किए गए आपातकाल और उसके बाद की स्थिति पर आधारित है. फिल्म में अनुपम खेर, श्रेयस तलपड़े, महिमा चौधरी और मिलिंद सोमन भी हैं.