दुबई. टेस्ट क्रिकेट की एक पारी में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी (53 रन पर आठ विकेट) करने वाली भारत की पूर्व स्पिनर नीतू डेविड बुधवार को आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) हॉफ ऑफ फेम में शामिल होने वाली देश की दूसरी महिला क्रिकेटर बनीं. दक्षिण अफ्रीका के महान बल्लेबाज एबी डिविलियर्स और इंग्लैंड के दिग्गज बल्लेबाज एलिस्टेयर कुक को भी हॉल ऑफ फेम में जगह मिली.
भारतीय महिला टीम की चयन समिति की मौजूदा अध्यक्ष नीतू को पूर्व कप्तान डाइना इडुल्जी को शामिल किए जाने के एक साल बाद आईसीसी हॉल ऑफ फेम में जगह मिली है. बाएं हाथ की स्पिनर नीतू ने भारत के लिए 100 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मैच (10 टेस्ट और 97 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय) खेले. एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 47 साल की नीतू 141 विकेट के साथ भारत की दूसरी सबसे सफल गेंदबाज हैं. वह 50 ओवर के प्रारूप में 100 विकेट के आंकड़े को छूने वाली देश की पहली महिला गेंदबाज भी रहीं. विश्व कप 2005 की सबसे सफल गेंदबाज नीतू ने भारत को पहली बार फाइनल में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी.
नीतू ने आईसीसी की विज्ञप्ति में कहा, ”आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल होना बेहद सम्मान की बात है जिसे मैं राष्ट्रीय टीम की ओर से खेलने वाले किसी भी खिलाड़ी के लिए सर्वोच्च मान्यता मानती हूं.” उन्होंने कहा, ”यह इस महान खेल के लिए जीवन भर के समर्पण के बाद आता है और यह मेरे लिए इस मुकाम तक पहुंचने की एक बहुत ही विशेष यात्रा है.”
नीतू ने कहा, ”अब तक के सबसे महान खिलाड़ियों के साथ हॉल ऑफ फेमर माना जाना शानदार है और मैं इस विशिष्ट क्लब का हिस्सा बनकर रोमांचित हूं.” नीतू ने 1995 में 17 साल की उम्र में नेल्सन में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मुकाबला खेला. उन्होंने 1995 में ही जमशेदपुर में इंग्लैंड के खिलाफ भारत की दो रन की करीबी हार के दौरान 53 रन देकर आठ विकेट चटकाए जो आज भी महिला टेस्ट में एक पारी में सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत गेंदबाजी प्रदर्शन है.
नीतू ने 10 टेस्ट में 41 विकेट चटकाए जबकि 97 एकदिवसीय मुकाबलों में 16.34 के औसत से 141 विकेट हासिल किए. नीतू ने 2006 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया लेकिन दो साल बाद अपना फैसला बदलते हुए एकदिवसीय प्रारूप में एशिया कप और भारत के इंग्लैंड दौरे पर खेलीं. दूसरी तरफ कुक ने 250 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने 2018 में इंग्लैंड की ओर से सबसे अधिक टेस्ट रन और शतक बनाने वाले खिलाड़ी के रूप में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा. वह कप्तान के रूप में भी काफी सफल रहे.
डिविलियर्स ने 14 साल के अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में तीनों प्रारूपों में 20 हजार से अधिक अंतरराष्ट्रीय रन बनाए. मैदान के चारों तरफ शॉट खेलने की क्षमता के लिए डिविलियर्स को ‘मिस्टर 360’ भी कहा जाता है. उन्होंने दक्षिण अफ्रीका की ओर से एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे तेज अर्धशतक, शतक और 150 रन का रिकॉर्ड बनाया और उन्हें खेल के इतिहास के सबसे आक्रामक बल्लेबाजों में शुमार किया जाता है. आईसीसी हॉल ऑफ फेम जनवरी 2009 में शुरू किया गया जो वैश्विक संचालन संस्था के शताब्दी समारोह का हिस्सा था. इन खिलाड़ियों को शामिल किए जाने का जश्न इस सप्ताह दुबई में विशेष कार्यक्रमों की श्रृंखला के जरिए मनाया जाएगा जो महिला टी20 विश्व कप के समापन के दौरान होगी.
एडुल्जी ने नीतू के आईसीसी हॉल ऑफ फेम पर कहा, आपसे ज्यादा हकदार कोई और नहीं हो सकता
भारत की पूर्व क्रिकेटर नीतू डेविड को बुधवार को आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया और पूर्व भारतीय कप्तान डायना एडुल्जी ने कहा कि इस सम्मान के लिए बायें हाथ की स्पिनर से ज्यादा हकदार कोई और नहीं लग रहा था. इस तरह नीतू आईसीसी हॉल ऑफ फेम में डायना एडुल्जी के साथ शामिल हो गई हैं. एडुल्जी ने डेविड को एक खुला पत्र लिखा जो आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल होने वाली दूसरी भारतीय महिला बन गईं. 68 वर्षीय एडुल्जी पिछले नवंबर में इसमें शामिल होने वाली पहली महिला थीं.
एडुल्जी ने आईसीसी द्वारा जारी पत्र में लिखा, ”आईसीसी हॉल ऑफ फेम के विशिष्ट क्लब में आपका स्वागत करना सम्मान और सौभाग्य की बात है. अब तक मैं शामिल होने वाली एकमात्र भारतीय महिला रही हूं और मेरे साथ शामिल होने के लिए आपसे ज्यादा हकदार कोई नहीं है. ” उन्होंने लिखा, ”ऐसा लगता है कि कल ही की बात है जब मैंने तुम्हें किशोरावस्था में नेट पर गेंदबाजी करते देखा था. मुझे तब पता था कि मुझे तुम्हें रेलवे में लाने की कोशिश करनी है और तुम भारत के लिए खेलोगी. तुम्हारी गेंदबाजी शैली और लय, तब भी देखने में अविश्वसनीय थी और इसने मुझे बहुत प्रभावित किया. इसने मुझे बताया कि तुम बड़ी उपलब्धियों के लिए तैयार हो और तुमने मेरी बात को सही साबित किया. ”
एडुल्जी ने कहा, ”मुझे तब भी पता था कि तुम रेलवे और भारत दोनों के लिए हमारी प्रमुख स्पिनर के रूप में मेरी जगह लोगी. हम दोनों बायें हाथ की स्पिनर थी इसलिए पिच पर साथ खेलने का हमारा समय बहुत कम था. लेकिन मेरे संन्यास लेने के बाद तुम्हें मेरी जगह लेते देखना सचमुच खुशी की बात थी. ”