‘भारत बहुलवाद, लोकतंत्र का प्रतीक, पाकिस्तान दुनिया को आतंकवाद की याद दिलाता है: एल्डोस पुन्नूस

संयुक्त राष्ट्र. नयी दिल्ली ने संयुक्त राष्ट्र में इस्लामाबाद को कड़ा जवाब देते हुए कहा कि भारत बहुलवाद, विविधता और लोकतंत्र का प्रतीक है जबकि पाकिस्तान दुनिया को आतंकवाद, संकीर्णता और अत्याचार की याद दिलाता है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में काउंसलर एल्डोस मैथ्यू पुन्नूस ने सोमवार को यहां उपनिवेशवाद समाप्ति पर संयुक्त आम चर्चा में पाकिस्तान के खिलाफ भारत के जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल किया.

पुन्नूस ने कहा कि पाकिस्तान ”झूठे और आधारहीन आरोप” लगाकर संयुक्त राष्ट्र मंच का दुरुपयोग करना जारी रखे हुए है तथा उसके पिछले आचरण को देखते हुए यह आश्चर्य की बात नहीं है. उन्होंने कहा, ”भारत बहुलवाद, विविधता और लोकतंत्र का प्रतीक है. इसके विपरीत, पाकिस्तान दुनिया को आतंकवाद, संकीर्णता और अत्याचार की याद दिलाता है जहां धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों तथा उनके पूजा स्थलों को नियमित आधार पर निशाना बनाया जाता है और तोड़फोड़ की जाती है.” बहस के दौरान पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाए जाने के बाद भारत का कड़ा जवाब आया.

पुन्नूस ने कहा, ”पाकिस्तान के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह पहले अपने अंदर झांके और पड़ोसी देशों के आंतरिक मामलों में दखल देने के बजाय अपना घर ठीक करे.” उन्होंने कहा, ”दुनिया इस बात की गवाह है कि पाकिस्तान आए दिन विभाजनकारी गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश करता है. भारत इस बात पर जोर देना चाहेगा कि हमारी नींव पाकिस्तान के विपरीत, लोकतांत्रिक मूल्यों के स्थायी स्तंभ पर बनी है.” पुन्नूस ने कहा कि पाकिस्तान अपने दागी लोकतांत्रिक रिकॉर्ड को देखते हुए वास्तविक लोकतांत्रिक कवायदों को दिखावा मानता है, जैसा कि उसके बयान से पता चलता है.

उन्होंने कहा, “पिछले हफ्ते ही जम्मू-कश्मीर में चुनाव परिणाम घोषित किए गए. केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लाखों मतदाताओं ने अपनी बात रखी है. उन्होंने मतदान के अपने अधिकार का प्रयोग किया और संवैधानिक ढांचे एवं सार्वभौमिक मताधिकार के अनुसार अपना नेतृत्व चुना है. स्पष्ट रूप से, पाकिस्तान इन चीजों से अनजान होगा.” पुन्नूस ने कहा कि सीमा पार आतंकवाद को अपने पड़ोसियों के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की पाकिस्तान की निरंतर नीति रही है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा कराए गए हमलों की सूची वास्तव में लंबी है और भारत में उसने ”हमारी संसद, बाजारों तथा तीर्थ मार्गों सहित कई अन्य जगहों को निशाना बनाया है.”

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