शिमला. विश्व प्रसिद्ध कुल्लू दशहरा उत्सव रविवार को भगवान रघुनाथ की पारंपरिक शोभा यात्रा के साथ शुरू हुआ. इस दौरान भगवान रघुनाथ के विग्रह को सुल्तानपुर मंदिर से रथ में बिठाकर कुल्लू के ढालपुर मैदान लाया गया. यह उत्सव एक सप्ताह तक चलेगा.
हजारों श्रद्धालु इस यात्रा में शामिल हुए और भगवान के रथ की रस्सियों को खींचने के लिए उनमें होड़ रही.
यहां जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने उत्सव का उद्घाटन किया. वह ‘यात्रा’ भी शामिल हुए. इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल भी मौजूद रहे.
राज्यपाल शुक्ल ने कहा,”यह राज्य के लोगों का सौभाग्य है कि भगवान रघुनाथ जी कुल्लू में विराजमान हैं. उनका आशीर्वाद हम पर बना रहे और हम इसी तरह अपनी देव संस्कृति को आगे बढ़ाते रहें.” उन्होंने हिमाचल प्रदेश को मादक पदार्थ से मुक्त करने का भी आह्वान किया.
इसके बाद, राज्यपाल ने विभिन्न सरकारी विभागों, बोर्ड, निगमों और अन्य गैर-सरकारी संगठनों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का उद्घाटन किया. कुल्लू दशहरा उत्सव अद्वितीय है क्योंकि देशभर में विजया दशमी के समापन के बाद यह शुरू होता है और इसमें रामलीला या रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों का दहन नहीं होता है बल्कि अंतिम दिन ‘लंका दहन’ के साथ इसका समापन होता है. इस उत्सव के दौरान कुल्लू के राजा अनुष्ठान करते हैं और ‘रथ यात्रा’ का नेतृत्व करते हैं. इस साल कुल्लू के विभिन्न हिस्सों से करीब 300 देवी-देवता भगवान रघुनाथ जी के दर्शन के लिए ढालपुर पहुंचे हैं.