नयी दिल्ली. दिल्ली सरकार के एक अस्पताल में महिला डॉक्टर का यौन उत्पीड़न करने के आरोपी चिकित्सा अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर रविवार को विधानसभा उपाध्यक्ष राखी बिड़ला के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी (आप) की महिला नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल उपराज्यपाल वी के सक्सेना के आवास के बाहर एकत्र हुआ. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि उपराज्यपाल कार्यालय को पहले से सूचित करने के बावजूद, प्रतिनिधिमंडल को उपराज्यपाल से मिलने की अनुमति नहीं दी गई.
आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने शनिवार को उपराज्यपाल सक्सेना से पूछा था कि आरोपी चिकित्सा अधीक्षक के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई, जबकि उनके खिलाफ आरोप सही पाए गए हैं. उपराज्यपाल सचिवालय के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली की मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाला राष्ट्रीय सिविल सेवा प्राधिकरण (एनसीसीएसए) डॉक्टरों और वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों के तबादले एवं नियुक्ति के साथ-साथ कार्रवाई करने के लिए जिम्मेदार है.
उन्होंने कहा, ”आरोपी चिकित्सा अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव दिसंबर 2023 से एनसीसीएसए के पास लंबित है. सिंह को अरविंद केजरीवाल से पूछना चाहिए कि जब वे मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने कार्रवाई क्यों नहीं की और अब उनकी उत्तराधिकारी आतिशी से ऐसा करने के लिए कहना चाहिए.” इससे पहले, बिड़ला आप विधायक धनवती चंदेला, प्रीति तोमर, वंदना कुमारी, भावना गौर एवं कई आप पार्षदों के साथ उपराज्यपाल के आवास के बाहर घंटों खड़ी रहीं, लेकिन उपराज्यपाल से मुलाकात नहीं हो सकी.
बिड़ला ने कहा, ”उपराज्यपाल पूरी तरह से महिला विरोधी हैं. हम एक महिला डॉक्टर के लिए न्याय की तत्काल गुहार लेकर यहां आए हैं, जिसका एक साल से अधिक समय से उत्पीड़न हो रहा है. आरोपी को गिरफ्तार करने के बजाय, डॉक्टर का तबादला कर दिया गया और उसकी शिकायत को नजरअंदाज कर दिया गया.” आप नेता ने कहा कि अगर वह (उपराज्यपाल) बहुत अधिक व्यस्त थे, तो शिष्टमंडल से मिलने के लिये स्टाफ के सदस्यों को बाहर आना चाहिये था.
उन्होंने कहा, ”हम घंटों बाहर खड़े रहे, लेकिन उपराज्यपाल कार्यालय से कोई भी हमसे मिलने या सूचना देने नहीं आया.” मामला एक महिला चिकित्सक से जुड़ा है, जिसने दिल्ली के एक अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है.
आप ने दावा किया कि एक साल पहले उसकी शिकायत दर्ज होने के बावजूद, आरोपी के खिलाफ कोई सार्थक कार्रवाई नहीं की गई है. इसके बजाय, डॉक्टर को दूसरे अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जिसे पार्टी और अधिक उत्पीड़न के रूप में देखती है.
आप नेता ने उपराज्यपाल आवास के बाहर तैनात भारी पुलिस बल की आलोचना की और सवाल किया कि क्या निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के प्रतिनिधिमंडल ने कोई खतरा पैदा किया है. उन्होंने कहा, ”हमें रोकने के लिए सैकड़ों पुलिस अधिकारी भेजे गए, जैसे कि हम अपराधी हों. यह स्पष्ट संकेत है कि वह महिलाओं की आवाज. या उनके अधिकारों का सम्मान नहीं करते हैं.” प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधा, जिनके अधिकार क्षेत्र में उपराज्यपाल आते हैं.