नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि ‘पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान’ (पीएमजीएस-एनएमपी) एक परिवर्तनकारी पहल के रूप में उभरा है, जिसका उद्देश्य भारत के बुनियादी ढांचे में क्रांति लाना है और यह सभी क्षेत्रों में तेज और अधिक कुशल विकास को बढ़ावा दे रहा है. मोदी ने पीएमजीएस-एनएमपी की तीसरी वर्षगांठ पर यहां भारत मंडपम स्थित ‘पीएम गतिशक्ति अनुभूति केंद्र’ का औचक दौरा भी किया और कहा कि उन्होंने ”इस पहल की परिवर्तनकारी शक्ति” का अनुभव किया है.
अनुभूति केंद्र पीएमजीएस-एनएमपी की प्रमुख विशेषताओं, उपलब्धियों और मील के पत्थरों को प्रर्दिशत करता है और इसे विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों को ‘मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी’ बुनियादी ढांचा प्रदान करने के लिए 13 अक्टूबर, 2021 को शुरू किया गया था. मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान भारत के बुनियादी ढांचे में क्रांति लाने के उद्देश्य से एक परिवर्तनकारी पहल के रूप में उभरा है. इसने मल्टीमोडल कनेक्टिविटी को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में तेज और अधिक प्रभावी विकास हुआ है.” उन्होंने कहा कि विभिन्न हितधारकों के निर्बाध एकीकरण से ‘लॉजिस्टिक्स’ को बढ़ावा मिला है, विलंब कम हुआ है और कई लोगों के लिए नये अवसर उत्पन्न हुए हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा, ”गतिशक्ति के कारण भारत विकसित भारत के हमारे सपने को पूरा करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. यह प्रगति, उद्यमशीलता और नवाचार को प्रोत्साहित करेगा.” मोदी ने भारत मंडपम में पीएम गतिशक्ति अनुभूति केंद्र का दौरा किया और पीएम गतिशक्ति के प्रभाव के कारण देशभर में परियोजनाओं की योजना और क्रियान्वयन में हुई प्रगति की सराहना की. उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में इसके अपनाए जाने की सराहना की, जिससे विकसित भारत के सपने को पूरा करने में तेजी आ रही है.
बाद में शाम को, मोदी ने ‘एक्स’ पर एक अन्य पोस्ट में कहा, ”आज, जब गतिशक्ति ने तीन साल पूरे किए, तो भारत मंडपम गया और अनुभूति केंद्र का दौरा किया, जहां मैंने इस पहल की परिवर्तनकारी शक्ति का अनुभव किया.” उन्होंने कहा, ”पीएम गतिशक्ति ने भारत के बुनियादी ढांचे के विकास की यात्रा को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. यह सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी का शानदार उपयोग कर रहा है कि परियोजनाएं समय पर पूरी हों और किसी भी संभावित चुनौती को कम किया जा सके.”
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय मास्टर प्लान का उपयोग करते हुए, संबंधित मंत्रालयों और विभागों ने अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों जैसे कोयला, इस्पात, उर्वरक, बंदरगाह, खाद्य और सार्वजनिक वितरण आदि के पहले और अंतिम मील कनेक्टिविटी मुद्दों से संबंधित 156 बुनियादी ढांचे की कमियों की भी पहचान की है. डिजिटल सर्वेक्षणों के साथ, परियोजना की तैयारी अब तेज और अधिक सटीक है. अधिकारियों ने बताया कि रेल मंत्रालय ने सिर्फ एक साल में 400 से अधिक रेलवे परियोजनाओं और 27,000 किलोमीटर रेल लाइन की योजना बनाई है.
उन्होंने कहा कि नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) समेकित बुनियादी ढांचे के विकास को सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालयों के बीच प्रयासों को समन्वयित कर रहा है. उन्होंने कहा कि 81 एनपीजी बैठकों के साथ, 15.48 लाख करोड़ रुपये की 213 परियोजनाओं का मूल्यांकन किया गया है. पीएम गतिशक्ति के माध्यम से, निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए गंतव्य तक कनेक्टिविटी की कमियों का आकलन किया जा रहा है.
अधिकारियों ने कहा कि यह वास्तव में ‘संपूर्ण सरकार’ के दृष्टिकोण का प्रतीक है, जिसमें केंद्र सरकार के 44 मंत्रालयों और 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित 1529 ‘डेटा लेयर्स’ पहले से ही शामिल हैं. उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय कार्यशालाओं और क्षमता निर्माण पहलों ने इसके व्यापक रूप से अपनाने में मदद की है. उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ सामाजिक क्षेत्र पर भी जोर है और 1,500 से अधिक जीआईएस ‘डेटा लेयर्स’ से जुड़े मोबाइल ऐप का उपयोग करके 29,000 बस्तियों में 45 लाख पीवीटीजी (विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूह) (11 लाख परिवार) का मानचित्रण किया गया है.
पीएम गतिशक्ति आंगनवाड़ी केंद्रों के स्थानों की प्रभावी योजना बनाने में मदद कर रही है और उन केंद्रों पर ध्यान केंद्रित करने में भी मदद कर रही है, जहां पोषण संबंधी अधिक आवश्यकताएं हैं. राष्ट्रीय मास्टर प्लान पर 10 लाख से अधिक आंगनवाड़ी केंद्रों का मानचित्रण किया गया है. अधिकारियों ने कहा कि इसका उपयोग जिलों में प्रमुख उद्योगों की पहचान करने के लिए भी किया गया है, ताकि स्कूलों द्वारा जिला-विशिष्ट कौशल पाठ्यक्रम प्रदान किए जा सकें.
पीएम श्री विद्यालयों को पीएम गतिशक्ति पोर्टल पर मानचित्रित किया गया है, ताकि भू-स्थानिक जानकारी के आधार पर आसपास के अन्य विद्यालयों की पहचान की जा सके, जिससे आसपास के अन्य विद्यालयों को भी जोड़ा जा सके. अधिकारियों ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए पीएम गतिशक्ति ढांचे को विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रस्तुत किया गया है. अधिकारियों ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है और नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका के साथ ज्ञान साझा करने पर समझौता ज्ञापन पर काम चल रहा है.
प्रधानमंत्री ने ओडीओपी अनुभूति केंद्र का भी दौरा किया और देश भर के विभिन्न जिलों के उत्पादों के चयन, ब्रांडिंग और प्रचार में मदद करने के लिए ओडीओपी पहल द्वारा की गई प्रगति की सराहना की. इससे पहले मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट को केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को भी टैग किया. गोयल ने इस पहल के तीन साल पूरे होने पर इसकी सराहना की.
गोयल ने कहा, ”आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा मल्टीमोडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान शुरू किए जाने के तीन साल पूरे हो गए हैं. लॉजिस्टिक्स को सुव्यवस्थित करने और कनेक्टिविटी को आगे बढ़ाकर, यह अग्रणी पहल तेजी से और अधिक कुशल परियोजना कार्यान्वयन सुनिश्चित करती है.” उन्होंने कहा कि यह एक आधुनिक, परस्पर जुड़े बुनियादी ढांचे के नेटवर्क को विकसित करने, विकसित भारत के निर्माण के दृष्टिकोण को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.